अब इन दो राज्य के करोड़ों लोगों को होगा फायदा- दो और राज्यों, तमिलनाडु तथा अरुणाचल प्रदेश को एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना के तहत 26 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के मौजूदा राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी समूह के साथ जोड़ा गया है.
इन दोनों राज्यों को राष्ट्रीय क्लस्टर के साथ एकीकृत करने के लिए आवश्यक प्रारंभिक गतिविधियों जैसे कि इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ सेल – इपीओएस सॉफ़्टवेयर का उन्नयन, केंद्रीय सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्नवितरण पोर्टलों के साथ एकीकरण तथा प्रबंधन, केंद्रीय भंडार में राशन कार्ड / लाभार्थियों के डेटा की उपलब्धता और राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी के तहत लेनदेन के आवश्यक परीक्षण को पूरा किया जा चुका है.
क्या होगा योजना का फायदा?वन नेशन वन राशन कार्ड का फायदा कार्ड रखने वाले सभी लोगों को मिलेगा. सबसे बड़ा फायदा प्रवासी मजदूरों को होगा. किसी भी राज्य से सरकारी रेट पर अनाज ले सकेंगे. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के मुताबिक, देश के 81 करोड़ लोग जन वितरण प्रणाली (PDS) के जरिए राशन की दुकान से 3 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से चावल और दो रुपए प्रति किलो की दर से गेहूं और एक रुपए प्रति किलोग्राम की दर से मोटा अनाज खरीद सकते हैं.योजना के अनुसार ही अब इन 28 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली-पीडीएस के लाभार्थी 01 अक्टूबर 2020 से अपनी पसंद की किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से एक ही पैमाने और केंद्रीय निर्गम मूल्य पर सब्सिडी वाले खाद्यान प्राप्त कर सकते हैं.
चाहिए ये दस्तावेज-वन नेशन वन राशन कार्ड का फायदा लेने के लिए आपको पास दो जरूरी दस्तावेज होने चाहिए. पहला तो आपका राशन कार्ड और दूसरा आधार कार्ड. अगर आप किसी दूसरे राज्य में जाकर राशन कार्ड का फायदा उठाना चाहते हैं तो आपका वेरिफिकेशन आधार नंबर के जरिए होगा. हर राशन कार्ड की दुकान पर एक इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल डिवाइस होगी. इससे ही आधार नंबर के जरिए लाभार्थी का वेरिफिकेशन होगा.
पुराने राशन कार्ड का क्या होगा?केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि ‘वन नेशन, वन राशन’ कार्ड योजना लागू होने के बाद भी पुराना राशन कार्ड चलता रहेगा. सिर्फ नए नियम के आधार पर उसे अपडेट किया जाएगा, जिससे वो पूरे देश में मान्य होगा. अलग से कोई नया राशन कार्ड बनवाने की जरूरत नहीं है. पहले से जिनके पास राशन कार्ड उन सबको उसी राशन कार्ड के आधार पर वन नेशन वन राशन कार्ड का फायदा मिलेगा.
क्या आपके राज्य में चल रही है स्कीम- यह सुविधा पहले से ही 26 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, मणिपुर, नागालैंड, उत्तराखंड, लक्षद्वीप और लद्दाख में लागू है. शेष राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को मार्च 2021 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी में एकीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, “एक राष्ट्र एक राशन कार्ड” योजना के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-एनएफएसए के ज़रिये मिलने वाले लाभों की देशव्यापी पोर्टेबिलिटी को लागू कर रहा है.
इसका उद्देश्य सभी एनएफएसए लाभार्थियों को एक विकल्प प्रदान करना है. योजना से जुड़े राज्यों के लाभार्थी एफपीएस में स्थापित इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) यंत्र पर बायोमेट्रिक / आधार के प्रमाणीकरण के साथ अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके एनएफएसए के तहत अपने कोटे का अनाज ले सकते हैं.
इस प्रणाली के माध्यम से, अस्थायी रोजगार इत्यादि की तलाश में अक्सर अपना निवास स्थान बदलते रहने वाले प्रवासी एनएफएसए लाभार्थियों को अब कहीं पर भी अपनी पसंद की किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से अपने कोटे का खाद्यान्न उठाने का विकल्प उपलब्ध करा दिया गया है. लाभार्थी इन 28 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में एफपीएस में स्थापित इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) यंत्र पर बायोमेट्रिक / आधार आधारित प्रमाणीकरण के साथ अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके खाद्यान्न ले सकते हैं.