रिहाई के बाद महबूबा मुफ्ती के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने ट्वीट किया कि- “जैसे कि श्रीमति मुफ्ती की अवैध हिरासत समाप्त हो गई है, मैं उन सभी को धन्यवाद देना करूंगी जिन्होंने इन कठिन समय में मेरा समर्थन किया. मैं आप सभी का आभार मानती हूं. अब मैं इल्तिजा आपसे विदा लेती हूं. अल्लाह आपकी रक्षा करें.”
महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिए जाने के बाद 20 सितंबर 2019 से इल्तिजा ही उनके ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर रही थीं.
As Ms Mufti’s illegal detention finally comes to an end, Id like to thank everybody who supported me in these tough times. I owe a debt of gratitude to you all. This is Iltija signing off. فی امان اﷲ May allah protect you
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 13, 2020
बता दें पिछले करीब एक साल से भी ज्यादा समय से नजरबंद महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग को लेकर उनकी बेटी इल्तिजा ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था. जिस पर 29 सितंबर को सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने केंद्र से पूछा था कि केंद्र जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को कितने समय तक और किस आदेश से हिरासत में रखना चाहता है. अदालत ने केंद्र की ओर से अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा द्वारा दायर संशोधित आवेदन पर एक हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.
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मार्च में रिहा हुए थे फारूक और उमर अब्दुल्ला
केंद्र सरकार ने पिछले साल जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कई स्थानीय पार्टियों के नेताओं को हिरासत में लिया था, जिन्हें समय-समय पर शर्तों के साथ रिहा कर दिया गया.
सरकार ने पिछले साल जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) को भी पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में लिया था. इस साल 13 मार्च को फारूक अब्दुल्ला और 24 मार्च को उमर अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया था. हालांकि महबूबा मुफ्ती की हिरासत की अवधि को लगातार बढ़ाया जा रहा था.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 31 जुलाई को मुफ्ती का डिटेन्शन पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत और तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था.