Network18 ग्रुप के एडिटर-इन-चीफ राहुल जोशी (Rahul Joshi) को दिए एक विशेष साक्षात्कार में अमित शाह ने कहा, “जहां तक बीजेपी-जेडीयू-एलजेपी के गठबंधन का सवाल है, बीजेपी और जेडीयू दोनों की ओर से एलजेपी को उचित संख्या में बार-बार सीटों की पेशकश की गई. इस बाबत कई बार बातचीत भी हुई. मैंने व्यक्तिगत रूप से कई बार चिराग से बात की.”
विफल वार्ता होने के पीछे का कारण बताते हुए उन्होंने कहा, “इस बार हमारे पास गठबंधन के नए सदस्य हैं, इसलिए प्रति पार्टी सीटों की संख्या नीचे जाने के लिए बाध्य थी. जेडीयू और भाजपा ने भी कुछ सीटें छोड़ दीं. लेकिन यह अंततः एलजेपी के साथ नहीं हो सका”.शाह ने आगे कहा कि एकतरफा टिप्पणियां भी की गईं, जिसका नतीजा पार्टी कार्यकर्ताओं पर दिखाई दिया, इसलिए उनका एक खेमे में रहना मुश्किल हो रहा था. हालांकि, उसके बाद भी हमने गठबंधन नहीं तोड़ा, उन्होंने ऐसा करने की आधिकारिक घोषणा की’
क्या इन चुनावों के बाद लोजपा एनडीए में वापस आ सकती है, इस सवाल पर शाह ने कहा कि “बिहार के लोग समझते हैं कि गठबंधन क्यों और किसके कारण टूटा था. हम चुनाव के बाद देखेंगे कि क्या एलजेपी एनडीए में शामिल होती है. हम अभी विरोधी हैं और उसी के अनुसार चुनाव लड़ेंगे.”