सेना ने सरकार को बताया है कि चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों की कुल टेक्निकल लाइफ 2023 तक खत्म हो जाएगी. लिहाजा सरकार से मांग की गई है कि लंबे समय से लटके मेक इन इंडिया के दो प्रोजेक्ट्स को फास्ट ट्रैक किया जाए.
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एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्रालय से कहा गया है कि सिंगल इंजिन विटेंज चीता और चेतक हेलिकॉप्टरों से ऑपरेशन में दिक्कत आती है. लिहाजा इन्हें बदला जाना जरूरी है. रिपोर्ट के मुताबिक, हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इन हेलिकॉप्टरों के हर बैच को चेक करने का फैसला लिया है. इसके तहत, न सिर्फ थल सेना के 150 बल्कि वायुसेना के 130 हेलिकॉप्टर वन टाइम चेक किए जा रहे हैं. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इसकी समय सीमा नहीं बताई जा सकती है, लेकिन यह काम बहुत जल्द पूरा कर लिया जाएगा, जिससे बैकअप होने से ऑपरेशंस पर भी खास असर नहीं पड़ेगा.
आर्मी अफसरों के परिवार लंबे समय से चीता हेलिकॉप्टरों को फ्लीट से हटाने की मांग करते रहे हैं. उनकी शिकायत है कि सिंगल इंजन हेलिकॉप्टर होने के कारण इमर्जेंसी में इनके दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना ज्यादा रहती है. यह आज भी अस्सी के दशक की तकनीक पर उड़ान भर रहे हैं. रक्षा जानकारों का मानना है कि चीता हेलिकॉप्टर अपनी तयशुदा उम्र से ज्यादा सेवा दे रहे हैं. इनका प्रोडक्शन 1990 में ही रोक दिया गया था. सरकार का मानना है कि पुराने हेलिकॉप्टरों को हटाने के लिए नए हेलिकॉप्टरों की जरूरत होगी.
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भारत ने रूस के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत 200 कामोव हेलिकॉप्टरों का प्रोडक्शन किया जाएगा. माना जा रहा है कि अलग-अलग तरह के पुराने हेलिकॉप्टरों को हटाने में अगले 10-15 सालों में 1200 हेलिकॉप्टरों की जरूरत होगी. इस काम में 1.5 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा.