उच्चतम न्यायालय अभी 30 न्यायाधीशों के साथ काम कर रहा है, जबकि स्वीकृत पदों की संख्या 34 है. वहीं, गुवाहाटी (Gauhati), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और उत्तराखंड उच्च न्यायालय (Uttarakhad High Court) कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के साथ काम कर रहे हैं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति में की जाती है, ताकि अदालत का दैनिक प्रशासन प्रभावित नहीं हो.
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एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि सरकार को शीर्ष अदालत और तीन उच्च न्यायालयों में इन रिक्तियों को भरने के लिये अभी तक कॉलेजियम (Collegium) से कोई सिफारिश नहीं मिली है.सरकार का यह कहना रहा है कि उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच ‘एक निरंतर सहयोगात्मक प्रक्रिया’ है क्योंकि इसके लिये विभिन्न संवैधानिक प्राधिकारों से परामर्श एवं मंजूरी की जरूरत होती है.
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इस तरह होती है न्यायाधीशों की नियुक्ति
उच्चतम न्यायालय और 25 उच्च न्यायालयों के लिये न्यायाधीशों की नियुक्त की प्रक्रिया के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश सरकार से करता है, जिसके बाद सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार कर सकती है या पुनर्विचार के लिये लौटा भी सकती है.
कॉलेजियम में सीजेआई और शीर्ष न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं.
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देश के 25 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के कुल स्वीकृत पद 1,079 हैं. एक अक्टूबर तक 404 रिक्तियां थीं, जिनमें से सर्वाधिक 60 रिक्तियां इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हैं.