पूजा कमेटी के अध्यक्ष का कहना है कि हम ये आयोजन पिछले 19 साल से कर रहे हैं. हमारा विश्वास है कि एक-दूसरे के त्योहारों में शामिल होना सौहार्द बनाए रखने के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा कि मैं पिछले तीन साल से इस समिति का सदस्य हूं. समिति के एक सदस्य का कहना है कि धर्म व्यक्तिगत मामला है. उत्सव समाज का विषय हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए कि हम इस परिसर में ईद के आयोजन में भाग लेते हैं.
Tripura: Durga Puja organised in Agartala municipality area with Muslims as key Puja committee members
“Religion is a personal affair. Festivities are societal matters of concern. Keeping this in mind we take part in organising Eid as well in this compound,” says one organiser pic.twitter.com/o1Xrrn9AxO— ANI (@ANI) October 25, 2020
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कोरोना के चलते फीकी रही दुर्गा पूजा
बता दें इस साल कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) के चलते देश भर में दुर्गा पूजा उत्सव काफी फीका नजर आया. पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) और उच्च न्यायालय (High Court) के आदेश के बीच शनिवार को महाष्टमी (Mahashtami) के पर्व पर लोगों ने डिजिटल माध्यम से देवी के दर्शन किये. महाष्टमी को दुर्गा पूजा के चार दिनों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है.
कोविड-19 के नियमों और पंडालों में सीमित संख्या में प्रवेश के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर आयोजकों द्वारा ‘संधि पूजा’, ‘कुमारी पूजा’ और ‘संध्या आरती’ जैसे पारंपरिक अनुष्ठानों का टीवी और अन्य माध्यमों पर सीधा प्रसारण किया गया. प्रसिद्ध ‘काली पूजो’ का डिजिटल माध्यम से बेलूर मठ समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन किया गया.
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इस अनुष्ठान में आठ वर्ष से कम आयु की बच्ची की देवी दुर्गा के रूप में पूजा की जाती है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “बेलूर मठ ने विश्व भर में करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए फेसबुक और यूट्यूब पर अनुष्ठान का सीधा प्रसारण किया.” बेहला के जगतपुर खयाली संघ जैसे पूजा आयोजकों ने अनुष्ठान के प्रसारण के लिए ऐप तैयार किये. हालांकि बहुत से लोगों को डिजिटल माध्यम से आयोजित पूजा रास नहीं आई.