पश्चिम मेदिनीपुर (West Medinipur), पुरुलिया, बांकुड़ा और झारग्राम जिलों में फैला जंगलमहल 2008 से 2012 तक माओवादी हिंसा (Maoist violence) से प्रभावित रहा है. पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खड़गपुर क्षेत्र में एक प्रशासनिक बैठक (Administrative meeting) में बनर्जी ने कहा, “हमने नीतिगत निर्णय लिया है कि क्षेत्र में हाथियों के हमले में मारे गए लोगों के परिवारों (Family) को भी सहायता दी जाएगी और परिवार के एक सदस्य को भी विशेष होमगार्ड की नौकरी (Job) दी जाएगी.” उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों में खासकर मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुड़ा और झाड़ग्राम तथा उत्तरी बंगाल (North Bengal) के कुछ जिलों में हाथियों के हमले में लोगों की जान चली जाती है.
बनर्जी ने हाथी के हमले में मरे व्यक्ति के परिवार के सदस्य को नियुक्ति पत्र भी सौंपा
बनर्जी ने एक व्यक्ति को नियुक्ति पत्र भी सौंपा, जिसके परिवार के एक सदस्य की झाड़ग्राम में हाथी के हमले में मौत हो गई थी. उन्होंने यह भी घोषणा की कि जिन जूनियर कांस्टेबलों ने सेवा के पांच साल पूरे कर लिये हैं, उन्हें कांस्टेबल के तौर पर पदोन्नत किया जाएगा. इनकी संख्या इस साल 4284 है. उन्होंने ऐसे चार लोगों को पदोन्नति का पत्र भी सौंपा.साथ ही उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक से कहा कि शेष लोगों को दुर्गा पूजा से पहले पदोन्नति का पत्र सौंप दिया जाए. दुर्गा पूजा अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में है. केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन पर बनर्जी ने कहा, ‘‘ राज्य में पहले से ही हमारी अपनी स्वास्थ्य साथी योजना है. यदि केंद्र चाहता है कि हम आयुष्मान भारत लागू करें तो उसके लिए पूरा पैसा दिया जाए.’’
आयुष्मान भारत को बंगाल में तभी लागू किया जाएगा, जब केंद्र उसका 100% वित्त पोषण करे
विश्व की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य योजना समझी जा रही आयुष्मान भारत में केंद्र सरकार 60 फीसद का योगदान करती है और बाकी 40 फीसद राशि राज्यों को लगाना होता है. बनर्जी ने पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा था कि आयुष्मान भारत को पश्चिम बंगाल में तभी लागू किया जाएगा, जब केंद्र उसका शत प्रतिशत वित्त पोषण करे और पैसा राज्य सरकार के मार्फत लगाया जाए.
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उन्होंने कहा कि निजी निवेश के मार्फत पर्यटन परियोजनाओं से रोजगार के 8000 अवसर पैदा होंगे और कोविड-19 महामारी के चलते लौटे प्रवासी श्रमिकों को उनसे नौकरियां मिलेंगी.