एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, अधिकतम 80 कंपनियां, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) से होंगी, इसके बाद सशस्त्र सीमा बल (SSB) से 70 कंपनियां, सीमा सुरक्षा बल (BSF) से 55, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) से 50, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) से 30 और आरपीएफ से 15 कंपनियां होंगी. इन बलों की एक कंपनी में लगभग 100 जवान होते हैं.
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300 कंपनियों को विभिन्न इकाइयों से वापस बुलाने के निर्देशएक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘इन सीएपीएफ और आरपीएफ के कुल 300 कंपनियों या लगभग 30,000 कर्मियों को बिहार चुनाव में तैनाती के लिए सीमाओं और प्रशिक्षण सहित विभिन्न इकाइयों से तुरंत वापस बुलाने का आदेश दिया गया है.’’ 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के लिए मतदान तीन चरणों- 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को होंगे और 10 नवंबर को मतगणना होगी.
चुनाव आयोग ने 25 सितंबर को राज्य के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा था कि मौजूदा कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौरान यह चुनाव विश्व स्तर पर होने वाले सबसे बड़े चुनावों में से एक होगा.
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सीमा पर बढ़ गई है बीएसएफ जवानों की व्यस्तता
इस घटनाक्रम से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आईटीबीपी, बीएसएफ और एसएसबी जैसे सीमा रक्षक बलों को भी अपनी इकाइयों को वापस बुलाने और बिहार चुनाव के लिए भेजने के लिए कहा गया है. हालांकि, एलएसी पर मौजूदा स्थिति के कारण आईटीबीपी और पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा संभालने में बीएसएफ के जवानों की व्यस्तता बढ़ गई है, लेकिन फिर भी इन बलों को भी इस बार चुनाव ड्यूटी करनी पड़ सकती है.
अधिकारियों ने हाल ही में कहा था कि गृह मंत्रालय देश की विभिन्न सीमाओं पर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों से धीरे-धीरे सीमा सुरक्षा बलों- बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी को हटाने की “महत्वाकांक्षी” योजना पर काम कर रहा है.