जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (Jammu and Kashmir DGP) दिलबाग सिंह ने कहा, ‘भूमिगत बंकर और अस्थायी गुफा कोई नयी बात नहीं है. दक्षिण कश्मीर (South Kashmir) में ऐसे कई उदाहरण मिले हैं. एक बार तो आतंकवादी एक शौचालय के सेप्टिक टैंक (Septic Tank) में छिपे हुए थे.’ इस साल मार्च में अनंतनाग (Anantnag) के वटरीगाम इलाके में एक अस्थायी गुफा का पता लगाने वाले सेना के दल के एक अधिकारी ने घटना के बारे में बताते हुए कहा उन्होंने एक घर के अंदर शौचालय (Toilet) के आसपास सफेद सीमेंट लगा हुआ देखा, जहां आतंकवादियों (Terrorists) की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी.
शौचालय में छिपे लश्कर के चार आतंकी मारे गये
अधिकारी ने मार्च में हुए उस अभियान को याद करते हुए बताया, ‘हमें भटकाने के लिये शौचालय की सीट पर मानव मल पड़ा हुआ था, लेकिन टूटी हुई टाइलें और हाल ही में डाले गए सफेद सीमेंट ने यह भेद खोल दिया. हमने शौचालय की खुदाई शुरू की तो नीचे से गोलीबारी हुई. जवाबी कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा के चार आतंकवादी मारे गए.’सैन्य अधिकारियों के अनुसार 2019 में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा-शोपियां सीमा पर लस्सीपुरा इलाके में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली, जब छिपे हुए आतंकवादियों का पता लगाने के लिये छह बार एक घर की तलाशी ली गई. आखिर में उन्हें ढूंढने के लिये सेप्टिक टैंक की खुदाई की गई.
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हाल ही में पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) विजय कुमार और उप महानिरीक्षक (दक्षिण) ए के गोयल के साथ मौजूद डीजीपी सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था, ‘हमने विशेष रूप से दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों के कई ठिकानों में रसोई, स्नानघर और सभा कक्ष में अस्थायी दीवारें देखी हैं.’ सेना आतंकवादियों के ठिकानों और भूमिगत बंकरों का पता लगाने के लिये ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है.