गोल्ड हॉलमार्किंग के नियमों में फिर हुआ बड़ा बदलाव
बता दें कि केंद्र सरकार ने इसी साल जनवरी में नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि गोल्ड ज्वेलरी पर अनिवार्य हॉलमार्किंग 15 जनवरी 2021 से लागू होगी, लेकिन इसी साल जुलाई महीने में केंद्र सरकार ने इसको लागू करने की तारीख 1 जून 2021 कर दी थी. ज्वेलर्स एसोसिएशन लगातार दलील दे रही थी कि इतने कम समय में लागू करना मुश्किल होगा. इस प्रक्रिया के तहत ज्वेलर्स को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड यानी BIS के तहत खुद को रजिस्टर्ड कराना होता है. ज्वेलर्स की दलील थी कि वक्त बहुत कम मिला है. इसी साल जुलाई महीने में ज्वेलर्स ने केंद्र सरकार से डेडलाइन की समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया था.
हॉलमार्किंग के बाद सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट आ सकती है.
सोने की गुणवत्ता पर क्यो होगा असर?
हॉलमार्क एक तरह की सरकारी गारंटी है और इसे देश की एकमात्र BIS तय करती है. हॉलमार्क देखकर खरीदने का यह फायदा है कि अगर आप निकट भविष्य में जब भी इसे बेचने जाएंगे तो आपको कम दाम नहीं मिलेंगे, बल्कि आपको सोने का खरा दाम मिलेगा.
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ज्वेलर्स क्यों हैं परेशान?
इस फैसले को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने ज्वेलर्स को एक साल का समय दिया है, क्योंकि जूलर्स अपना पुराना स्टॉक एक साल में क्लीयर कर लें सकें. देश में हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या को भी बढ़ाया जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक इस समय देश में 900 के आस-पास हॉलमार्किंग केंद्र हैं, जिसे और बढ़ाया जा रहा है.