किसी भी बंद जगह में होने वाले इवेंट में जगह की पूरी क्षमता के मुकाबले आधे लोग ही जमा हो सकेंगे. 200 से ज़्यादा लोगों को जमा नहीं होने दिया जाएगा. खुली जगह में दूरी के नियम के हिसाब से अधिकतम संख्या सख्ती के साथ तय की जाएगी. इवेंट ऑर्गेनाइजर किसी भी इवेंट के लिए अंदर आने और बाहर जाने के लिए अलग-अलग गेट रखेंगे और किसी भी व्यक्ति को बिना मास्क के एंट्री किसी सूरत में नहीं देंगे.
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ऐसे सभी इवेंट का डाटा डीएम को अपने पास रखना होगा. पूरी दिल्ली का डाटा डिविजनल कमिश्नर के पास रहेगा. हर इवेंट जैसे रामलीला, पूजा पंडाल के लिए डीएम एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करेंगे. इलाके के डीसीपी भी एक नोडल ऑफिसर नियुक्त करेंगे. ये दोनों अधिकारी सरकार द्वारा जारी आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराएंगे.
पंडाल के लिए बनाए थे सरकार ने यह नियम
कुछ दिन पहले भी दिल्ली सरकार ने नवरात्र, दीवाली को लेकर एसओपी जारी की थी. नई एसओपी में सरकार ने बताया था कि अनलॉक 5.0 की केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स के मुताबिक 200 लोगो के साथ नवरात्र मनाई जा सकती है, लेकिन इसके लिए मूर्ति स्थापना और आरती नहीं होगी और प्रसाद भी नहीं बांटा जा सकेगा. नई एसओपी 16 अक्टूबर से दीवाली और शरद पूर्णिमा तक आनेवाले त्योहारों के लिए लागू होगी.
यूपी में भी सज रहे दुर्गा पूजा और रामलीला के पंडाल
योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि नवरात्र में सजने वाले दुर्गापूजा पंडालों पर कोई पाबंदी नहीं है. सीमित संख्या में कोविड के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए लोग देवी प्रतिमाओं की स्थापना करेंगे. हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके लिए समितियों को पहले डीएम से अनुमति लेनी होगी. उन्होंने कहा कि रामलीला के मंचन को भी सरकार ने कोविड गाइडलाइन के पालन के साथ इजाजत दे दी है. इन आयोजनों में कोविड के प्रोटोकॉल का लोगों को भी विशेष ध्यान रखना होगा, ताकि लोगों की धार्मिक आस्था पूरी होने के साथ ही साथ कोरोना का संक्रमण भी न फैले.