अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार इन कानूनों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी. उन्होंने आगाह किया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) पंजाब में इन कानूनों के खिलाफ पैदा हुए आक्रोश का फायदा उठा सकती है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तेलंगाना, गुजरात, गोवा, ओडिशा और तमिलनाडु में कांग्रेस एवं विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया.
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स्टालिन ने कहा- हम अदालत में चुनौती देने के लिए तैयारद्रमुक के मुखिया एमके स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी इन कानूनों को अदालत में चुनौती देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, ‘‘केरल कानूनों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने के लिए तैयार है और तमिलनाडु सरकार को भी इस पर अमल करना चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है, तो “हम (द्रमुक) एक विपक्षी दल के रूप में किसानों और जनता की ओर से अदालत जाने के लिए तैयार हैं.’’
केरल के त्रिसूर से कांग्रेस सांसद टी एन प्रतापन ने इन कानूनों में से कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार अधिनियम की संवैधनिक वैधता को चुनौती देते हुए सोमवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया.
सोनिया गांधी ने राज्यों को दी ये सलाह
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी शासित प्रदेशों की सरकारों से कहा कि वे इन कानूनों को निष्प्रभावी करने के मकसद से अपने यहां कानून पारित करने की संभावनाओं पर विचार करें. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सोनिया ने कांग्रेस शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे संविधान के अनुच्छेद 254 (ए) के तहत कानून पारित करने के संदर्भ में गौर करें.
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वेणुगोपाल ने कहा कि यह अनुच्छेद इन ‘कृषि विरोधी एवं राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल देने वाले’ केंद्रीय कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए राज्य विधानसभाओं को कानून पारित करने का अधिकार देता है. उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकारें हैं. महाराष्ट्र और झारखंड में वह गठबंधन सरकार का हिस्सा है.
राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि संबंधी कानूनों को लेकर सोमवार को सरकार पर फिर निशाना साधा और आरोप लगाया कि किसानों की आवाज संसद और बाहर दोनों जगह दबाई गई. उन्होंने राज्यसभा में इन विधेयकों को पारित किए जाने के दौरान हुए हंगामे से जुड़ी एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘कृषि संबंधी कानून हमारे किसानों के लिए मौत का फरमान हैं. उनकी आवाज संसद और बाहर दोनों जगह दबाई गई. यहां इस बात का सबूत है कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया है.’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, ‘‘शहीद भगत सिंह ने कहा था कि शोषण करने वाली व्यवस्था पूंजीपतियों के फायदे के लिए किसानों मजदूरों का हक छीनती है. भाजपा सरकार अपने खरबपति मित्रों के लिए किसानों की एमएसपी का हक छीनकर उन्हें बंधुआ खेती में धकेल रही है. किसान विरोधी बिलों के खिलाफ संघर्ष ही भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि है.’’ दिल्ली में भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इन कानूनों का विरोध करते हुए इंडिया गेट के निकट एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया. इस संदर्भ में संगठन के पांच कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
देश के कई अन्य राज्यों में भी कांग्रेस के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया.