Jharkhand JAC Baoard 10th, 12th Exam 2021: मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए राज्य के शिक्षकों से राय ली जाएगी। इसकी जिम्मेदारी सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दी गई है। सोमवार को झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) की ओर से आयोजित वर्चुअल बैठक में यह निर्देश दिया गया। राज्य सरकार मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा लेने या फिर नहीं लेने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ तीन जून को सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले का भी इंतजार कर रही है। इसके बाद राज्य स्तर पर अंतिम निर्णय होगा।
जैक सचिव महीप कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को सभी आरडीडीई और डीईओ की ऑनलाइन बैठक में पूछा गया कि वर्तमान परिस्थिति में अगर मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा होती है तो कैसे आयोजित होनी चाहिए। इसके लिए शिक्षकों से राय मशविरा कर लें। सप्ताह के अंत में जैक के साथ इस पर बैठक होगी और इसके प्रस्तावों को विभाग और सरकार के समक्ष रखा जाएगा। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारियों ने परीक्षा होने पर होम सेंटर की बात उठाई। उस पर जैक सचिव ने कहा कि अगर होम सेंटर बनाए जाते हैं तो क्या-क्या समस्याएं सामने आ सकती हैं और उनसे कैसे निबटा जा सकता है, इसकी जानकारी दें। जिलों से कहा गया कि कोरोना को देखते हुए पूर्व में ही परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई थी। ऐसे में अगर उन्हीं परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा होती है तो यह कैसे संभव हो सकेगा इसके बारे में जानकारी दें।
केंद्र और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार
झारखंड सरकार मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा पर अंतिम निर्णय के पूर्व केंद्र सरकार और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेगी। अगले एक-दो दिनों में केंद्र सरकार 12वीं की परीक्षा के आयोजन पर अपना निर्णय देगी। वहीं, तीन जून को सुप्रीम कोर्ट भी इस पर अपना रुख साफ करेगा। इस फैसले के आधार पर झारखंड सरकार मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा पर निर्णय ले सकती है।
मैट्रिक परीक्षा हो सकती है रद्दसीबीएसई आईसीएसई बोर्ड की तर्ज पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल की मैट्रिक परीक्षा भी रद्द हो सकती है। कोरोना पर अभी तक पूरी तरह लगाम नहीं लगी है। संभावना है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक होगी। ऐसे में राज्य सरकार मैट्रिक की परीक्षा रद्द कर सकती है। वहीं, इंटरमीडिएट की परीक्षा संक्रमण पर काबू पाने के एक दो महीने बाद ली जा सकती है।
कई बोर्ड रद्द कर रहे मैट्रिक की परीक्षा
सीबीएसई, आईसीएसई के साथ-साथ कई राज्यों के बोर्ड ने मैट्रिक की परीक्षा रद्द कर दी है। केंद्र सरकार ने 30 जून तक किसी भी प्रकार की परीक्षा नहीं लेने का निर्देश दिया है। ऐसे में जून में किसी राज्य में संक्रमण कम होने के बावजूद परीक्षा का आयोजन नहीं हो सकेगा। अगर जुलाई में संक्रमण कम होता है और परीक्षा का आयोजन भी होता है तो कॉपियों के मूल्यांकन और रिजल्ट के प्रकाशन में दो से तीन महीने का समय लग सकता है। इस बीच सीबीएसई आईसीएसई और अन्य बोर्ड का परीक्षा परिणाम सामने आ जाएगा और प्लस टू स्तर पर नामांकन भी शुरू हो जाएगा। इससे राज्य के बोर्ड वाले छात्र-छात्राओं को नामांकन में परेशानी होगी और वह पिछड़ सकते हैं।