34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में अभियुक्त आरके आनंद को झारखंड हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल पायी है। जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। आरके आनंद ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी। इस मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने सात अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए आरके आनंद की याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने कहा कि इस मामले की जांच में उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। इसको देखते हुए उनकी याचिका को खारिज किया जाता है। इससे पहले सुनवाई के दौरान आरके आनंद की ओर से अदालत को बताया गया था कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है। आरके आनंद की ओर से अदालत को कहा गया था कि खेल घोटाला में उनकी कोई भूमिका नहीं है। उनका नाम प्राथमिकी में भी नहीं था। जांच के दौरान उनका नाम इस मामले में जोड़ा गया है। उन्होंने ही इस मामले में हो रही गडबड़ी की शिकायत की थी, लेकिन उन्हें भी अभियुक्त बना दिया गया। इसलिए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त किया जाए।
इस दौरान एसीबी की ओर से अदालत को बताया गया था कि जांच में आरके आनंद के खिलाफ 34वें राष्ट्रीय खेल में सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के पर्याप्त सबूत मिले हैं। आरके आनंद के खिलाफ निचली अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल हो चुका है। 34वें राष्ट्रीय खेल में 28 करोड़ 38 लाख रुपये घोटाला हुआ है। मामले में एसएम हाशमी, पीसी मिश्रा, आरके आनंद समेत अन्य के खिलाफ एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज की गयी है।