होमझारखंडJharkhand Live News - रेमडेसिविर केस में ग्रामीण एसपी को सरकारी गवाह...

Jharkhand Live News – रेमडेसिविर केस में ग्रामीण एसपी को सरकारी गवाह बनाने पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, अनिल पालटा को किया तलब

झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को रेमडेसिविर कालाबाजरी मामले की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि इस मामले में रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम को सरकारी गवाह बनाने से पहले कोर्ट को क्यों नहीं बताया गया। 

अदालत ने कहा कि जब इस मामले की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट स्वयं कर रहा है तो चार्जशीट फाइल करने से पहले एसआइटी को इसकी जानकारी कोर्ट को देनी चाहिए थी। आगे हाईकोर्ट ने जांच टीम का नेतृत्व कर रहे सीआईडी के निवर्तमान एडीजी अनिल पालटा को अगली सुनवाई के दिन अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने इस मामले के अनुसंधानकर्ता यानी केस आईओ को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है। और इस पूरे मामले से जुड़ी जांच की रिपोर्ट भी संबंधित पदाधिकारियों से मांगी गई है।

अदालत के सभी निर्देशों का पालन किया गया है
राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि अब तक रेमडेसिविर मामले में अदालत के सभी निर्देशों का पालन किया गया है, और जो भी प्रक्रिया अपनाई गई है वो नियमसंगत है। हस्तक्षेप याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता और बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहे। इस जनहित याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई हुई।  बता दें कि रेमडेसिविर समेत अन्य महत्वपूर्ण दवाइयों की कालाबाजारी की खबरों पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था। जिसके बाद इस मामले की जांच सीआईडी को दी गई है।

अदालत ने चार्टशीट और एसआईटी गठन की जानकारी मांगी
अदालत ने चार्जशीट और एसआइटी गठन से संबंधित दस्तावेज भी कोर्ट में जमा करने को कहा है। दरअसल सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने अदालत को अवगत कराया कि एसआइटी गठन से पहले ही निचली अदालत में दो आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। महाधिवक्ता राजीव रंजन ने इस बयान का खंडन करते हुए कहा कि एसआइटी ने ही 2 लोगों के खिलाफ जांच पूरी होने पर निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल की है।

Most Popular