कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों में सर्वाधिक संक्रमण की आशंका जताई जा रही है। झारखंड में बच्चों को संक्रमण से बचाने की तैयारी जोर शोर से शुरू कर दी गयी है। इसी के तहत बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स को सेंटर ऑफ एक्सिलेंस घोषित किया है।
रिम्स निदेशक को इस बाबत निर्देश भी दिये गये हैं। इनमें श्री सिंह ने संभावित तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमण से निबटने के लिए रिम्स के तीन विभागों को एक साथ मिलकर सेंटर फॉर एक्सिलेंस के रूप में काम करने की हिदायत दी है। इस सेंटर में रिम्स के तीन विभाग एक साथ मिलकर काम करेंगे।
ये विभाग होंगे- डिपार्टमेंट ऑफ नियोनेटोलॉजी, डिपार्टमेंट ऑफ पेडियेट्रिक और सेंटर ऑफ एक्सिलेंस फॉर मैनेजमेंट ऑफ सैम (सिबिअरली एक्यूट मालन्यूट्रिशन) चिल्ड्रेन एंड अपरेफरल यूनिट। कोविड के दौरान ये तीनों विभाग एक साथ मिलकर एनएचएम द्वारा संचालित मैटरनल एंड न्यू बॉर्न रिसोर्स सेंटर एवं आईडीएसपी के साथ समन्वय स्थापित करते हुए एक विशेषज्ञ सेंटर के रूप में काम करेंगे। साथ ही यह सेंटर राज्य के सभी निजी व सरकारी अस्पतालों को भी मार्गदर्शन देगा।
सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की जिम्मेदारी
1. कोविड मैनेजमेंट का प्रशिक्षण देने के साथ ही राज्य भर के अस्पतालों को मार्गदर्शन भी देंगा
2. बच्चों के इलाज से संबंधित ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल एंड गाईडलाईन पर अपना मार्गदर्शन सभी जिलों को देगा
3. राज्य में सर्वोत्तम संस्थान के रूप में सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में काम कर रहे शिशु रोग विशेषज्ञों का सहयोग करेंगा
4. सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के रूप में दी गयी सभी सेवाओं का समेकित प्रतिवेदन विभाग को नियमित रूप से देना होगा