भागलपुर से झारखंड सीमा के भलजोर तक एनएच-133ई पर 62 किलोमीटर की सड़क अब दो लेन के बदले फोर लेन होगी। एनएच की इस सड़क के चौड़ीकरण से न सिर्फ जाम से मुक्ति मिलेगी बल्कि गाड़ियों की गति भी बढ़ जाएगी। यह सड़क अभी सात मीटर चौड़ी है। इस सड़क को पहले दो लेन 10 मीटर (विद पेव्ड शोल्डर) चौड़ी बनानी थी लेकिन बाद में इसे फोरलेन बनाने का निर्णय लिया गया।
फोरलेन होने के कारण इस सड़क में आने-जाने के लिए अलग-अलग मार्ग होंगे। दोनों ओर सात-सात मीटर चौड़ी सड़क होगी जिसके बीच में तीन मीटर डिवाइडर होगा। डिवाइडर के बीच में पौधे भी लगाए जाएंगे ताकि सड़क सुन्दर दिखे। दोनों ओर किनारे की ओर दो-दो मीटर का फ्लैंक रहेगा।
इसके अलावा ड्रेनेज के लिए जगह होगी। इस सड़क की चौड़ाई संत टेरेसा स्कूल के पास बायपास के पास से बढ़ाई जाएगी और बायपास से भी इसे और बेहतर तरीके से जोड़ा जाएगा। इसमें सड़क बिटुमिनस वाली बनेगी। इससे झारखंड की राजधानी रांची, धनबाद, बोकारो, दुमका, देवघर जाने का मार्ग आसान हो जाएगा और समय की बचत होगी।
बढ़ जाएगी रफ्तार, जाम से भी मुक्ति
फोरलेन सड़क बनने से इसके साथ इस सड़क पर जहां मोड़ है उसे सीधा किया जाएगा ताकि गाड़ियों की गति बढ़ जाए और कम से कम समय में दूरी तय की जा सके। इस सड़क पर करीब एक सौ किलोमीटर की गति से गाड़ी चलाई जा सकेगी। जाम से भी राहत मिलेगी। रिहायशी इलाके जैसे जगदीशपुर और रजौन से इस सड़क को नहीं ले जाया जाएगा। वहां जगह की समस्या होगी इसलिए बसावट से बाहर बायपास से ले जाने का प्रयास होगा।
एक ही ओर चौड़ी होगी सड़क
सामान्य रूप से किसी सड़क को चौड़ी करने में दोनों ओर जगह बढ़ाई जाती है लेकिन इसको बढ़ाने के लिए एक ही ओर सड़क बढ़ाई जाएगी। इसके लिए एक बार फिर से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अभी तक इस सड़क को दो लेन बनाने में करीब सात सौ करोड़ रुपए खर्च होने की बात थी लेकिन अब इसपर करीब 14 सौ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह सड़क पहले स्टेट हाई वे थी जिसे एक साल पहले एनएच में बदल दिया गया।
एनएच के कार्यपालक अभियंता मनोरंजन पांडे के अनुसार मंत्रालय ने निर्णय लिया कि इस सड़क पर पर फोर लेने का दबाव है इसलिए इसे फोर लेन ही बनाया जाए। अब नये सिरे से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। उसके बाद आगे टेंडर और अन्य कार्य भी शुरू किया जाएगा।