झारखंड में कोरोना के मामलों में भारी गिरावट देखी जा रही है। रांची जिला में भी मरीजों की संख्या में कमी आई है। रांची जिला में वर्तमान में 532 मरीज भर्ती हैं, जिनमें 207 मरीज आईसीयू और वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। यह कुल भर्ती मरीजों का लगभग 38 फीसदी है। वहीं, अब भी रांची के अस्पतालों में कोरोना के 325 मरीज ऐसे हैं, जो ऑक्सीजन सपोर्ट बेड में भर्ती हैं।
रिम्स के ट्रामा सेंटर और अंकोलॉजी विभाग में अब भी कई सीरियस संक्रमित मरीज पहुंच रहे हैं, जिन्हें तत्काल आईसीयू या वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है। कई मरीज इतने गंभीर हाल में पहुंचते हैं कि आईसीयू या वेंटीलेटर में जाने के बाद भी दम तोड़ दे रहे हैं। रिम्स में अब भी प्रतिदिन औसतन 8 से 10 लोगों की मौत हो रही है। हालांकि सोमवार को सिर्फ तीन लोगों की मौत हुई है।
राज्य में यह आंकड़ा 25 फीसदी का
रांची जिला के अलावा अगर पूरे राज्य के भर्ती मरीजों की संख्या देखी जाए तो यह 1780 है, जिनमें 451 लोग आईसीयू सपोर्ट पर हैं। यह कुल भर्ती मरीजों का 25 फीसदी है। इससे साफ होता है कि अब भी करोना से संक्रमित होने पर स्थिति गंभीर हो जा रही है। हालांकि राज्य में संक्रमण की दर करीब एक फीसदी ही रह गई है, जिस कारण मरीज कम मिल रहे हैं। ऐसे में गंभीर मरीजों को आसानी से आईसीयू या वेंटिलेटर उपलब्ध हो जा रहा है। मई के शुरुआती सप्ताह में काफी मुश्किल हो रहा था और मरीजों की जान भी चली जा रही थी।
रिम्स के डॉ देवेश ने बताया कि कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों में अधिकतर का लंग्स डैमेज हो जा रहा है, जिस कारण उन्हें आईसीयू वेंटीलेटर या हाईफ्लो ऑक्सीजन पर रखा जा रहा है। हाईफ्लो ऑक्सीजन देने से मरीजों की रिकवरी अच्छी होती है। डॉ देवेश ने बताया कि वैसे मरीज जो नॉर्मल ऑक्सीजन देने पर सेचुरेशन मेंटेन नहीं कर पा रहे हैं, मरीज में कोई इंप्रूवमेंट नहीं होता है, उन्हें आईसीयू की जरूरत होती है। वर्तमान में रिम्स सहित कई अस्पतालों में आईसीयू पहले की तुलना में खाली हैं तो मरीजों की स्थिति जैसे ही बिगड़ने लगती है, उन्हें स्थिर करने के लिए तत्काल आईसीयू सपोर्ट दिया जाता है।
रांची में रिम्स पर मरीजों का भरोसा बढ़ा
राज्य में वर्तमान में 1906 संक्रमित मरीज भर्ती हैं। सबसे अधिक 2887 मरीज रांची जिला में हैं। पहले के मुकाबले संक्रमण में बहुत हद तक कमी आई है। अब भी कई संक्रमित मरीजों की स्थिति अत्यंत गंभीर हो जाती है। रांची के बाद पूर्वी सिंहभूम में 730 मरीज हैं, वहीं गुमला में 619 एक्टिव मरीज हैं। बता दें कि वर्तमान में जितने भी मरीज गंभीर स्थिति में हैं, वो सीधा रिम्स में भर्ती हो रहे हैं। कोरोना के इस दौर में रिम्स के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है।