रिम्स में ब्लैक फंगस का इलाज करा रहीं उषा देवी को तमाम प्रयासों के बाद भी उनके बच्चे उन्हें बचाने में नाकाम रहे। अपनी मां के बेहतर इलाज के लिए उषा देवी के बच्चे मुख्यमंत्री से लेकर चीफ जस्टिस तक से गुहार लगाए थे। चीफ जस्टिस से गुहार लगाने के बाद हाईकोर्ट ने रिम्स प्रबंधन को फटकार लगाई थी। इसके तुरंत बाद अगले दिन आठ जुलाई को उषा देवी का रिम्स में ही ऑपरेशन किया गया था।
उषा देवी के बेटे गौरव गुप्ता ने बताया कि 10 जुलाई को उनकी मां की स्थिति ज्यादा खराब होने लगी थी, जिसके बाद इलाज करने वाले डॉक्टरों को बुलाने की कोशिश की गयी पर कोई नहीं आया। गौरव ने कहा कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मां की जान चली गयी। उन्होंने बताया कि उषा देवी का बीपी और प्लस लगातार नीचे जा रहा था, पर मॉनिटर करने वाले कोई नहीं थे। बच्चों ने उषा देवी का अंतिम संस्कार हरमू मुक्तिधाम में किया। वहीं इस मामले में गौरव ने रविवार को आधा दर्जन से अधिक डॉक्टरों के खिलाफ बरियातू थाने में शिकायत दर्ज कराई।
सेप्टीसीमिया में चले जाने के कारण हुई उषा देवी की मौत
उषा देवी का इलाज कर रही ईएनटी विभाग की एचओडी डॉ चंद्रकांति बिरुआ ने कहा कि सेप्टीसीमिया में चले जाने के कारण उषा देवी की मौत हुई है। शनिवार को ऑपरेशन किए गए आंख से अत्यधिक ब्लीडिंग होने के कारण उषा को ओटी में ले जाया गया, लेकिन शनिवार के रात से ही ब्लड प्रेशर लो होने लगा था। डॉ चंद्रकांति बिरुआ ने कहा कि इलाज में किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गयी है। हमने अपने स्तर से बचाने का पूरा प्रयास किया।
दो बार तारीख देकर टाला गया ऑपरेशन
उषा देवी के बेटे गौरव ने आरोप लगाया कि अगर उनकी मां का ऑपरेशन एक महीने पहले कर दिया जाता तो वह आज जिंदा होती। संक्रमण होने के बाद उनके ऑपरेशन में 50 दिन लगा दिये गये। उषा देवी के बच्चों ने बताया कि एक महीने पहले उनकी मां की स्थिति बहुत ठीक थी, वह खुद से चल भी रही थीं। उनके ऑपरेशन के लिए दो बार तारीख भी दी गयी पर दोनों बार ऑपरेशन टाल दिया गया। ऑपरेशन समय पर नहीं होने के कारण संक्रमण ब्रेन तक फैल गया था।
17 मई को कराया गया था भर्ती
गौरव गुप्ता ने आवेदन में कहा है कि उनकी मां उषा देवी ब्लैक फंगस की मरीज थी। काफी प्रयास और प्रशासन के सहयोग के बाद 17 मई को उनकी मां को रिम्स में भर्ती कराया गया। उस वक्त भी इलाज में रिम्स चिकित्सकों ने लापरवाही बरती। महंगी-महंगी दवा बाहर से खरीदकर लानी पड़ी रही थी। कुछ संस्था की मदद से दवा मुहैया करायी जा रही थी। लापरवाही की शिकायत करने पर रिम्स प्रबंधन उनका आवेदन फेंक देता था। धनबाद निवासी अंकित राजगढ़िया के आवेदन पर कोर्ट में मिली फटकार के बाद रिम्स के चिकित्सकों ने उनकी मां का ऑपरेशन किया। लेकिन, उसके बाद भी स्थिति बिगड़ती चली गई।
रिम्स निदेशक समेत आधा दर्जन डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई
गिरिडीह निवासी मृतक उषा देवी के बेटे गौरव गुप्ता ने मौत के मामले में रिम्स के सुप्रीटेंडेंट और डायरेक्टर समेत आधा दर्जन से अधिक डॉक्टरों के खिलाफ बरियातू थाने में शिकायत दर्ज कराई है। दर्ज शिकायत में डायरेक्टर कामेश्वर प्रसाद, सुप्रींटेंडेंट विवेक कश्यप, डॉ प्रभात कुमार, डॉ सीके बिरुआ, डॉ मनीष, डॉ प्रवीण, आलोक प्रिया, शिव प्रिया, डॉ राकेश चौधरी समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है। शिकायत के आधार पर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। आवेदन के जरिए गौरव ने आरोप लगाया है कि रिम्स प्रबंधन और डॉक्टरों की लापरवाही से उनकी मां उषा देवी की मौत हुई है। उसने पुलिस को बताया कि बीते शनिवार को उनकी मां उषा की तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई। इसकी जानकारी रिम्स के चिकित्सकों को दी गई, लेकिन कोई भी चिकित्सक उन्हें देखने के लिए नहीं पहुंचा। मामले में कुछ दूसरे लोगों ने भी रिम्स के डॉक्टरों से संपर्क कर उषा की स्थिति की जानकारी दी। बावजूद रिम्स का कोई भी चिकित्सक नहीं पहुंचा। रविवार की सुबह साढ़े नौ बजे उषा देवी की मौत हो गई।
हंगामे के आसार को देख रिम्स में पुलिस बल की तैनाती
उषा देवी की मौत के बाद हंगामे के आसार को देखते हुए रिम्स में रविवार को भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। रिम्स के कार्डियोलॉजी भवन में भारी संख्या में पुलिस के जवान और रिम्स में कार्यरत सैप के जवान उपस्थित थे। इमरजेंसी के बाहर स्थिति से निपटने के लिए वज्र वाहन भी तैनाती की गई थी। हालांकि किसी तरह का कोई हंगामा नहीं हुआ।
जानिये कब क्या हुआ
– 17 मई को ब्लैक फंगस की शिकायत के साथ रिम्स में भर्ती
– 1 जुलाई को बच्चों ने अपनी मां के लिये इच्छा मृत्यु की मांग की
– 3 जुलाई को बेहतर इलाज के लिए बच्चों ने मुख्यमंत्री से इलाज में मदद की गुहाल लगाई
– 5 जुलाई को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से मिलकर बच्चों ने लगायी इलाज में मदद की गुहार
– 7 जुलाई को हाईकोर्ट ने रिम्स प्रबंधन को लगायी फटकार
– 8 जुलाई को उषा देवी का किया गया ऑपेरेशन
– 11 जुलाई को सुबह 9:30 बजे उषा देवी को डॉक्टरों ने मृत घोषित किया