कोविड-19 आपदा के बीच झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोजेक्ट स्कीम (जेएसएलपीएस) से जुड़ी सखी मंडल की दीदीयां अपने स्तर से अहम भूमिका निभा रही हैं। मुश्किल समय में ग्रामीण परिवारों को राहत देने में वे लगातार कोशिश कर रही हैं, ताकि अपनों को खोने का दर्द कम हो सके।
मृतक परिवारों को फौरी तौर पर राहत देने के लिए भी कार्य किया जाना है। लगभग एक महीने में सखी मंडल की दीदियां जिले के गांवों में घुमकर मृतकों का सर्वेक्षण कर रही हैं। जिले में 256 ग्रामीण परिवारों का सर्वेक्षण किया गया है। जिन परिवारों में सालभर किसी न किसी सदस्य की मृत्यु हुई है, इनमें 256 मृतकों का डेटाबेस तैयार किया गया है। इनमें से सात लोगों का बीमा सेटलमेंट भी कराया गया है। ऐसे काम के लिए दीदियों को प्रत्येक निष्पादन के लिए एक हजार रुपये भी मिलेंगे।
पीएमजीजीबीवाई बीमा का मिलेगा लाभ
सर्वेक्षण के माध्यम से मृत्यु से प्रभावित परिवारों को मदद करने की भी तैयारी ग्रामीण विकास विभाग की है। जेएसएलपीएस के जरिए ऐसे प्रभावित परिवारों की पहचान कर उनके पीएमजीजीबीवाई बीमा के दावों का निपटारा किया जाएगा। सखी मंडल से जुड़ी सखी एवं बैंक सखी को इस काम में लगाया गया है।
पूर्वी सिंहभूम के जेएसएलपीएस, डीपीएम जेवियर एक्का ने कहा, ‘ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे परिवार जिनके घर में कोविड-19 के कारण किसी सदस्य की मौत हो गई, उनकी पहचान सखी मंडल की दीदियां कर रही है। टीम जेएसएलपीएस एवं कैडर दीदी की मदद से ऐसे परिवारों के बीमा निष्पादन पर ध्यान देकर उनको आर्थिक राहत देने की कोशिश कर रहे हैं।’