अल्पसंख्यक बहुल इलाके के कोविड वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी कम है। अल्पसंख्यक क्षेत्र के टीकाकरण केंद्रों से पता चला कि कुल वैक्सीन जो जिले में लगी है, उसका लगभग 18% ही मुस्लिम बहुल आबादी वाले क्षेत्र में लगा है। कुल आबादी और टीकाकरण की तुलना में अबतक महज अल्पसंख्यक इलाकों में 7% ही टीकाकरण हो पाया है। इसका कारण शुरू में इस इलाके में फैली भ्रांति है। इन इलाकों में टीकाकरण केंद्र खुलने के बावजूद लोग आने से कतराते रहे।
अल्पसंख्यक समुदाय के बुद्धिजीवी कहते हैं कि शुरुआत में सोशल मीडिया के वायरल मैसेज ने लोगों के अंदर नकारात्मक प्रभाव डाला। कोरोना की पहली लहर के बाद जब टीकाकरण की रफ्तार तेज हुई तो यहां से लोग टीकाकरण केंद्र तक नहीं गए।
आजादबस्ती-जुगसलाई के केंद्रों को बंद करना पड़ा
आजादबस्ती में अल्पसंख्यक बहुल इलाके में स्थिति एजेके कॉलेज और जुगसलाई के नसीम मैरेज हॉल में खुले केंद्र पर एक भी व्यक्ति के नहीं आने के चलते उसे बंद करना पड़ा। उसके बाद आजादबस्ती के एमओ एकेडमी स्कूल में सेंटर खुला, लेकिन शुरुआत में वहां 100 डोज के लक्ष्य में 10 डोज प्रतिदिन हो पाए। लेकिन बाद में बुद्धिजीवियों की अपील और उन्हें घर घर से निकालकर लाने से रफ्तार थोड़ी बढ़ी। बाद में लोग अधिक आएं, इसलिए इसे मागनो के ही ईदगाह मैदान स्थित स्कूल में किया गया। लेकिन अब भी जो उत्सुकता अल्पसंख्यक बहुल इलाके में लोगों की होनी चाहिए, वह नहीं है।
टीका लेना ही कोरोना से बचने का एक उपाय है। जिस तरह से पोलियो से निजात के लिए पल्स पोलियो की खुराक ली गयी उसी तरह कोरोना से बचना है तो टीका लेना होगा। – डॉ. साहिर पॉल, टीकाकरण विशेषज्ञ सह जिला सर्विलांस पदाधिकारी
लोगों के अफवाहों से बाहर आना होगा। टीका लेना जरूरी है। एक साजिश के तहत आपके मन में यह बैठाया गया कि टीका से नुकसान है। उससे आप बाहर आएं और कोरोना वैक्सीन जरूर लें।– डॉ. कफील खान, मिशन स्माइल फाउंडेशन
मैंने टीके का एक डोज ले लिया है। दूसरा डोज लेना है। इसलिए आप भी लें, क्योंकि यह आपकी हिफाजत है। इससे माशरे को भी बचा सकते हैं। किसी के बहकावे में नहीं आएं। – मौलाना सऊद आलम कासमी, शहर ए काजी इमारत शरिया
लोगों को टीका लेना चाहिए। प्रशासन को अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में 18 प्लस का भी सेंटर खेलना चाहिए, ताकि लोगों को लाभ मिले। अफवाहों पर ध्यान न दें, टीका से कोई नुकसान नहीं है।– मौलाना जियाउल मुस्तफा, महासचिव, तंजीम अहले सुन्नत वल जमात व मजलिस ए उलेमा