होमझारखंडJharkhand Live News - किसानों की कर्ज माफी के लिए सोरेन सरकार...

Jharkhand Live News – किसानों की कर्ज माफी के लिए सोरेन सरकार ने बैंकों को दिए 980 करोड़, कृषि मंत्री ने बोले- समय पर मिलेगा यूरिया

 राज्य के 2 लाख 46 हजार किसानों की कर्ज माफी के लिए बैंकों को 980 करोड़ उपलब्ध करा दिया गया है। यह जानकारी कृषि मंत्री बादल ने दी है। वह शुक्रवार को नेपाल हाउस में राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को संपन्न बनाने तथा रिकार्ड कृषि उत्पादन की दिशा में सरकार काम कर रही है। किसानों को समय पर बीज व यूरिया उपलब्ध कराने के लिये विभाग ने तैयारी कर रखी थी, उसे अब अमलीजामा पहनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राज्य के सभी किसानों को सरकार भूमि हेल्थ कार्ड और केसीसी उपलब्ध कराएगी। कार्यशाला में राज्य के सभी जिला कृषि पदाधिकारियों ने भाग लिया। बादल ने कहा कि इस वर्ष समय पर बीज वितरण पारदर्शिता के साथ किया गया। साथ ही यूरिया भी दिया जा रहा है। उन्होंने खरीफ के मौसम में किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी प्रखंडों और जिला स्तर पर जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कार्यशाला के आयोजन का निर्देश दिया। उन्होंने खरीफ उत्पादन के लक्ष्य को 72 लाख मीट्रिक टन से बढ़ा कर 100 लाख मीट्रिक टन करने का निर्देश भी दिया।

इस साल खरीफ उत्पादन 100 लाख मीट्रिक टन होगा: बादल 
नेपाल हाउस में शुक्रवार को आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला में कृषि मंत्री बादल ने कहा कि इस वर्ष समय पर बीज वितरण पारदर्शिता के साथ किया गया। साथ ही यूरिया भी दिया जा रहा है। उन्होंने खरीफ के मौसम में किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी प्रखंडों और जिला स्तर पर जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कार्यशाला के आयोजन का निर्देश दिया। उन्होंने खरीफ उत्पादन के लक्ष्य को 72 लाख मीट्रिक टन से बढ़ा कर 100 लाख मीट्रिक टन करने का निर्देश भी दिया।

कार्यशाला में कृषि सचिव अबू बकर सिद्दिकी ने कहा कि किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिये पदाधिकारी, कृषि मित्र और जनसेवक किसानों से मिलें और उनकी जरूरतों के मुताबिक कृषि उत्पादन के संसाधन उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि जनसेवक अब जिला कृषि पदाधिकारी के अधीन रहेंगे। फसल राहत योजना के तहत किसानों  का रजिस्ट्रेशन अवश्य करायें, ताकि फसल का नुकसान होने पर उसकी भरपाई की जा सके। वहीं हॉर्टीकल्चर के लिये प्रोग्रेसिव किसानों को ई- मार्केटिंग से जोड़ने का निर्देश दिया। कृषि सचिव ने कहा कि खेती योग्य जमीन के दायरे को बढ़ाना है। राज्य में करीब 10 लाख हेक्टेयर के गैप को कम करने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही किसानों को मल्टीक्रॉपिंग के लिये प्रोत्साहित करने और उनकी मांग के अनुरूप बीज, खाद और कृषि यंत्र उपलब्ध कराने का प्रयास करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिले में अलग-अलग विभागों द्वारा बने तालाब, डैम नहर के अगल बगल की जमीन पर खेती सुनिश्चित करें। वहीं जरूरत के मुताबिक सिंचाई योजना की रूपरेखा भी तैयार करें।

कृषि सिर्फ व्यवसाय नहीं, संस्कृति है: निशा उरांव
कृषि निदेशक निशा उरांव ने कहा कि कृषि हमारे लिये केवल उद्योग नहीं, बल्कि संस्कृति है। कृषि विभाग का यह प्रयास है कि कृषि के क्षेत्र में पारंपरिक तौर तरीकों के साथ वैज्ञानिक पद्धति को भी समावेशित किया जाये। उन्होंने बताया कि इस बार टोकन के माध्यम से बीज तथा यूरिया का वितरण पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है। कृषि जागरूकता के साथ किसानों को पंचायत स्तर तक तकनीकी रूप से जोड़ा जा रहा है। कुल आवंटित 82 हजार मीट्रिक टन इंपोर्टेड यूरिया का 60 फीसदी प्राप्त किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि राज्य में किसानों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिये कृषि पाठशाला सह बिरसा गांव योजना शुरू की जा रही है, जिसके तहत किसानों को बागवानी, मत्स्य एवं कृषि से जुड़ी तमाम तकनीकी जानकारी दी जायेगी।  इसके अलावा कृषि समृद्धि योजना के तहत सोलर आधारित टपक सिंचाई भी प्रारंभ की जा रही है। कृषि यांत्रिकीकरण के तहत अब तक 411 महिला समूह चिन्ह्ति किये गये थे, जिनमें से 130 महिला समूहों को 90 प्रतिशत अनुदान पर ट्रैक्टर और रोटावेटर वितरित किये जा चुके हैं। कार्यशाला में मुख्य रूप से पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा,  कृषि उपनिदेशक विजय कुमार,  डीडीजी मुकेश कुमार, शिवा महालिंगम, बीएयू से डा. वदूद, डा. लूसिया एवं समिति निदेशक डॉक्टर सुभाष सिंह उपस्थित थे।

Most Popular