समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड के गोबरसिठ्ठा गांव में बुधवार रात नाव से बारात आयी और शादी के बाद नाव से ही दुल्हन ससुराल के लिए विदा हुई। बता दें कि बागमती की बाढ़ ने गोबरसिठ्ठा गांव को चारों ओर से पानी से घेर रखा है। बुधवार को वारिसनगर के पूरनाही गांव से दूल्हा चंदन कुमार की रामसकल राम की पुत्री काजल से शादी होनी थी।
शादी करने के लिए चंदन बैंडबाजे के साथ बारात लेकर आया था। लेकिन गोबरसिठ्ठा में दुल्हन के घर तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था जिससे दूल्हे व बारातियों को नाव से ही जाना पड़ा। गांव के लोगों ने दूल्हा और बारात में आये लोगों के लिए तीन नाव की व्यवस्था की थी। दरवाजा लगने के बाद बाढ़ के पानी के बीच ही शादी की रस्म अदायगी पूरी की गयी। फिर गुरुवार सुबह दुल्हन को दूल्हे के साथ नाव से ही ससुराल के लिए विदा किया गया।
कमरगामा गांव में घुसा बागमती के बाढ़ का पानी
बूढ़ी गंडक के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी से बाढ़ का पानी गांवों में पसरता जा रहा है। गुरुवार को बाढ़ का पानी कमरगामा गांव में प्रवेश कर गया। इससे जटमालपुर से कमरगामा गांव जाने वाली सड़क पर आवागमन करने में लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। तीरा, मलीकौली, कमरगामा, मोरवाड़ा एवं रामदीरी आदि गांवों में पहले ही बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका था। जिससे प्रभावित लोग तटबंध पर शरण लिए हुए हैं।
लोगों के विस्थापित होकर तटबंध पर जाने के बावजूद अब तक किसी तरह की सरकारी सहायता उन तक नहीं पहुंचायी गयी है। हालांकि सीओ अभय पद दास ने कहा कि जायजा लिया जा रहा है। सभी बाढ़ पीड़ितों को सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। दूसरी ओर बीसीओ सुशील कुमार सिंह, कल्याणपुर पैक्स अध्यक्ष रजनीश कुमार व स्थानीय पैक्स अध्यक्ष गोपाल साह एवं गोलू गुप्ता ने बागमती की बाढ़ से प्रभावित प्रखंड के नामापुर एवं बेलसंडी सहित अन्य जगहों का जायजा लेने के साथ बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव सहयोग करने का आश्वासन दिया।