बिहार के ग्यारहवीं-बारहवीं के सभी स्कूल, सभी डिग्री कालेज, सभी सरकारी व निजी विश्वविद्यालय और तकनीकी शिक्षण संस्थान कुल छात्र संख्या की 50 फीसदी उपस्थिति के साथ आज से खुल जायेंगे। ये शैक्षणिक संस्थान 98 दिनों बाद विद्यार्थियों के अध्ययन-अध्यापन से गुलजार होंगे। आपको बताते चलें कि संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए 3 अप्रैल को हुई क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में राज्य सरकार ने 5 अप्रैल से सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का निर्णय लिया था।
कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कमी को देखते हुए 5 जुलाई को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई सीएमजी की बैठक में 12 जुलाई से 10वीं से ऊपर के सभी संस्थानों को आधी क्षमता के साथ खोलने का निर्णय लिया गया है। इसको लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने 6 जुलाई को सभी जिलाधिकारी, सभी कुलपति और सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों के लिए गाइडलाइन जारी किया। शैक्षणिक संस्थानों का संचालन विद्यार्थियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए तथा कोरोना को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए किया जाएगा।
इन निर्देशों का पालन जरूरी
कक्षाओं में विद्यार्थी के बीच कम से कम छह फीट की दूरी होगी। इसी दूरी के साथ बैठने की व्यवस्था की जाएगी। स्टाफ रूम, कार्यालय कक्ष, आगत कक्ष में भी यह दूरी रखनी होगी। संस्थान व स्कूल के सभी गेट आगमन व प्रस्थान के समय खोलकर रखने होंगे। आने-जाने के लिए अलग-अलग गेट चिह्नित किये जायेंगे। वैसे शैक्षणिक संस्थान या विद्यालय जहां नामांकन अधिक हैं, दो पालियों में संचालित किये जायेंगे। विद्यालय समारोह, त्योहार आदि के आयोजन से बचेंगे। विद्यालय एसेम्बली कक्षाओं में ही वर्ग शिक्षक की देख-रेख में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए होंगी।
इस चरण के कोरोनाकाल के बाद सोमवार से संस्थान खुल रहे हैं। विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक, सभी को शुभकामना कि रोग व संक्रमणमुक्त वातावरण में अध्ययन कार्य चले। आग्रह कि सभी कोरोना गाइडलाइन का पालन अवश्य करेंगे। संक्रमण का दौर इसी गति से नियंत्रण में रहा तो बची हुई कक्षाओं का भी जल्द संचालन आरंभ होंगे। – विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री