पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के एक कथित बयान को लेकर बुधवार को विधान परिषद में खूब शोर-शराबा हुआ। भाजपा सदस्य इसके खिलाफ निंदा प्रस्ताव की मांग करने लगे तो विपक्ष ने खुलकर इसका प्रतिवाद किया। इस पर शोर शराबे में 15 मिनट तक सदन डूबा रहा।
कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के संजय प्रकाश ने यह मांग उठाई। कहा कि त्रिवेन्द्रम में राहुल गांधी ने उत्तर भारत के लोगों को नासमझ बताया है। उन्होंने इसे उत्तर भारत खासकर बिहार का अपमान बताते हुए परिषद में इसके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने की मांग की। विरोध करते हुए कांग्रेस के प्रेमचन्द्र मिश्रा ने इसका खंडन किया। साथ ही पीएम की कई पुरानी बातों को दुहराते हुए कहा, किसी पर अंगुली उठाने के पहले भाजपा नेता को अपनी पार्टी के नेता के वक्तव्य पर विचार करना चाहिए।
राजद के रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि किसी भी सदन के सदस्य पर चर्चा दूसरे सदन में नहीं होनी चाहिए। खासकर किसी दल के बड़े नेता के बारे में ऐसी चर्चा सही नहीं है। पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि पूर्वेजी की बात सही है, पर अगर बिहार की अस्मिता को ठेस लगे तो उस पर चर्चा करने से परहेज करने का मतलब है कि उसे बिहारियों से कोई लेना-देना नहीं है।