मुजफ्फरपुर जिले के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित प्रखंड कटरा में शुक्रवार को टीका वाली नाव आकर्षण का केन्द्र बनी हुई थी। बाढ़ की महामारी झेल रहे लोगों के लिए यह सुकून भरी खबर थी। बाढ़ के कारण अब टीका से वंचित नहीं रहेंगे। लोगों को नाव पर टीका दिया जा रहा था। टीके वाली नाव बाढ़ के पानी में तैर रहे गांवों में घर-घर पहुंच रही थी। उस पर सवार टीकाकर्मी लोगों को बुलाकर टीका लगा रहे थे। नावों पर राहत सामग्री आते तो लोगों ने खूब देखा था मगर नाव पर टीका पहली बार देख रहे थे।
56 पंचायतों के 1.19 लाख लोग बाढ़ प्रभावित
वहीं मुजफ्फरपुर में बाढ़ की चुनौतियां दिनोंदिन बढ़तीं जा रही हैं। जिला प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक जिले की 56 पंचायतों के 1.19 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। शुक्रवार को डीएम प्रणव कुमार ने बताया है कि प्रभावित क्षेत्र में सहायता कार्य तेजी से किये जा रहे हैं। 36 सामुदायिक किचन का संचालन कराने के अलावा 148 नावों का परिचालन कराया जा रहा है। लोगों के बीच सूखा राशन आदि भी बांटे जा रहे हैं। जिला प्रशासन के अनुसार अभी तक बाढ़ पीड़ितों के बीच 1600 पैकेट सूखा राशन वितरित किया गया है। इन क्षेत्रों में 148 नावों का परिचालन हो रहा है। सामुदायिक किचन में कुल 34 हजार लोगों ने भोजन किया है। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने 4256 हैलोजन टैबलेट वितरित किये हैं। 40 पशु कैंप चलाये जा रहे हैं। जिले के सभी तटबंध सुरक्षित रखने के लिए सतत निगरानी कराई जा रही है।
10 जुलाई को समीक्षा के बाद बाढ़ राहत पर विचार
मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ से हुई क्षति, प्रभावित जनसंख्या का विस्तृत आकलन 10 जुलाई को किया जाएगा। डीएम प्रणव कुमार ने प्रखंडों के वरीय प्रभारी अधिकारियों को स्थिति की समीक्षा व आकलन के आदेश दिए हैं। वरीय प्रभारी अधिकारी सीओ की रिपोर्ट के आधार पर क्षति का आकलन करेंगे। डीएम ने प्रखंडों के वरीय प्रभारी अधिकारियों को कहा है कि वे 10 जुलाई को विस्तृत समीक्षा करें। इस समीक्षा में प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, सीडीपीओ, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी, मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी व प्रखंड के तकनीकी पदाधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में बाढ़ के दौरान अंचलों द्वारा किये जा रहे सहायता कार्य की भी समीक्षा की जाएगी। इसमें शरण स्थली की उपलब्धता, वहां उपलब्ध न्यूनतम सुविधा, सामुदायिक किचन में दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता, पीने के पानी की उपलब्धता, मेडिकल कैंप की स्थिति, पशुचारे की उपलब्धता की भी समीक्षा की जाएगी। वहीं प्रभावित इलाकों में बिजली, नाव की उपलब्धता व संचार सुविधा की भी पड़ताल करने का आदेश अधिकारियों को दिया गया है। डीएम ने अधिकारियों व पीड़ितों को आवश्यकता पड़ने पर आपातकालीन संचालन केंद्र के नम्बर 0621-2212007 पर फोन करने की सलाह दी है।