कोरोना संक्रमित पति की मौत के बाद न तो परिजन और न ही गांव के लोगों ने शव के दाह संस्कार में साथ दिया। अंत में बरौनी सीओ से मिले आर्थिक सहयोग से पति का दाह संस्कार अकेले पत्नी ने मंगलवार को सिमरिया गंगा तट पर किया।
बरौनी के अंचलाधिकारी सुजीत सुमन ने बताया कि बखरी के सकरवासा निवासी 67 वर्षीय त्रिभुवन सिंह की मौत कोरोना की वजह से इलाज के दौरान सोमवार को सदर अस्पताल में हो गयी थी। आर्थिक अभाव तथा शव के दाह संस्कार के लिए परिजनों का सहयोग नहीं मिलने पर मृतक की पत्नी निशा देवी असहज अनुभव कर रही थीं। सूचना मिलने पर बरौनी सीओ ने सिमरिया गंगा तट पहुंचकर अपेक्षित मदद कर शव का दाह संस्कार कराया। दाह संस्कार में सिमरिया घाट के गोताखोर की टीम ने भी मदद की। पत्नी निशा देवी ने पीपीई किट पहनकर अपने पति को मुखाग्नि दी। महिला ने बताया कि उसके पति गांव के ही एक व्यक्ति का ट्रैक्टर चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। उसे एक पुत्र भी है जो कि मूक बधिर है।
कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से बखरी के सकरवासा निवासी 67 वर्षीय त्रिभुवन सिंह की मौत के बाद परिजनों व ग्रामीणों ने जब मुंह मोड़ लिया तो आखिरकार सात फेरे लेने वाली उनकी पत्नी निशा देवी ने अपना धर्म बखूबी निभाया। श्मशान घाट पहुंच उन्होंने पति को मुखाग्नि देकर समाज को यह संदेश दिया कि भले ही पूरी दुनिया साथ छोड़ दे लेकिन अर्द्धांगिनी अंत तक साथ निभाती है।
निशा देवी ने बताया कि कोरोना संक्रमित पति की मौत के बाद जब कोई साथ देने आगे नहीं आया तो खुद ही पति की लाश लेकर गंगा किनारे पहुंच गईं। बरौनी सीओ को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने त्वरित पहल कर मानवता का परिचय देकर उनकी हरसंभव सहायता की। निशा देवी ने बताया कि उन्हें तीन पुत्र हैं। बड़ा बेटा अनिल गूंगा-बहरा है, दो पुत्र सुनील और राजीव दिल्ली में मजदूरी करते हैं।