वाणिज्य कर विभाग ने बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी के मामलों को पकड़ा है। वाणिज्य कर आयुक्त-सह-सचिव के निर्देश पर विभाग की विभिन्न टीमों में शामिल पदाधिकारियों द्वारा पूरे बिहार में एक साथ 50 फर्म का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में इनमें से 49 फर्म फर्जी पाये गये। जबकि एक अन्य फर्म भी घोषित पते पर नहीं मिली।
इस पूरी कार्रवाई में करीब 171 करोड़ की कर चोरी का मामला सामने आया है। जांच में पता चला कि इस तरह के फ़र्मों के द्वारा बड़े पैमाने पर लगभग 958 करोड़ का संव्यवहार किया गया था। ऐसे मामलों में न सिर्फ लगभग 171 करोड़ के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट द्वारा कर अपवंचना का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि प्रथम दृष्टया जीएसटी प्रावधानों के उल्लंघन का मामला भी सामने आया है।
कई फर्म इनपुट टैक्स क्रेडिट फ्रॉड, बोगस बिल ट्रेडिंग में भी संलिप्त हैं। ऐसे फ़र्म मुख्य रूप से आयरन स्टील, कोल, कॉपर स्क्रेप, बिटुमिन, लेड एवं अन्य क्षेत्रों से संबंधित हैं।
आयुक्त-सह-सचिव डॉ. प्रतिमा एस द्वारा बताया गया कि ऐसे सभी फर्जी फर्म द्वारा की जा रही कर अपवंचना की रोकथाम के लिए डाटा एनालिटिक्स एवं ह्यूमन इंटेलिजेंस की मदद से 360 डिग्री प्रोफाइल बनाते हुए विश्लेषण कर पैनी नजर रखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि राजस्व चोरी में संलिप्त फर्मों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। कहा कि वाणिज्य कर विभाग के द्वारा की गई इस कार्यवाही से न सिर्फ टैक्स चोरी की रोकथाम की जा सकेगी बल्कि पक्के बिल पर एवं जीएसटी के प्रावधानों का अनुपालन करते हुए व्यवसाय करने वालों का मनोबल भी बढ़ेगा।