बालू का अवैध धंधा करने वाले माफियाओं पर पूरी तरह से शिकंजा कसने की राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। इस अवैध धंधे में लिप्त सभी तरह के वाहनों और नावों को जब्त किया जाएगा। साथ ही वाहनों पर लदे बालू व अन्य खनिज के राजस्व मूल्य का 25 गुना अधिक जुर्माना वसूला जाएगा। वहीं धंधेबाजों को दो साल की जेल भी होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार खनिज नियमावली, 2019 में संशोधन की मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही नई नियमवाली राज्य में लागू भी कर दी गई।
नई नियमावली में यह साफ किया गया है कि अवैध खनन में लिप्त वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। इन वाहनों को इसके मालिक अगर छुड़ाना चाहेंगे तो हर बड़े वाहन के लिए उन्हें चार लाख देने होंगे। वहीं प्रति ट्रैक्टर से 25 हजार की वसूली होगी। यह बालू पर लगे जुर्माना के अलावा होगा। सभी तरह के वाहन, नाव, पोकलेन आदि को जब्त करने का प्रावधान किया गया है। वहीं पकड़े गए वाहनों को नीलाम किये जाने का प्रावधान भी नियमावली में किया गया है।
पुलिस को मिला पकड़ने का अधिकार
राज्य सरकार ने बालू के अवैध धंधे में लिप्त लोगों को पकड़ने का अधिकार पुलिस को दिया गया है। छापेमारी कर धंधे में लिप्त लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेजेगी। खान एवं भूतत्व विभाग ने जारी आदेश में कहा है कि पर्यावरण के संरक्षण और राजस्व में हो रही क्षति को देखते हुए यह कड़ा कदम उठाया गया है। अवैध बालू खनन को जड़ से खत्म करने के लिए कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पुलिस की छापेमारी में बड़ी संख्या में लोगों को पकड़ कर जेल भेजा गया है। वाहनें भी जब्त की गई हैं। बिहार में बालू का वैध खनन राज्य को बाढ़ की विभिषीका से बचाने के लिए भारत सरकार की पर्यावरण विशेषज्ञ समिति के अनुसार आवश्यक है।