बालू के अवैध खनन में बड़े पैमाने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की संलिप्तता सामने आई है। दो जिलों के एसपी समेत ढाई दर्जन से अधिक अधिकारियों पर अवैध खनन में जल्द गाज गिरेगी। आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट में खुलासा होने के बाद गृह विभाग ने पुलिस अफसरों के साथ अन्य विभागों के दोषी अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश कर दी है। पुलिस में इसपर एक्शन भी शुरू हो गया है। 18 इंस्पेक्टर व सब-इंस्पेक्टर हटाए गए हैं।
एसडीओ, डीएसपी, परिवहन एवं खनन के अधिकारी
बालू के अवैध खनन में 2 आईपीएस, 2 एसडीओ, 4 डीएसपी रैंक के अफसर, 18 इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर के अलावा राजस्व, परिवहन और खनन विभाग के अफसर की संलिप्तता पाई गई है। पीला सोना के अवैध धंधे में कई सीओ भी शामिल बताए जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक अवैध खनन को बढ़ावा देने में शामिल ये अफसर राज्य के पांच जिलों पटना, औरंगाबाद, भोजपुर, रोहतास और सारण में पदस्थापित हैं।
ईओयू द्वारा कराई गई थी जांच
बालू के अवैध खनन की जांच आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से कराई गई थी। ईओयू ने अवैध खनन वाले जिलों को चिन्हित करने के बाद वहां तैनात महत्वपूर्ण अधिकारियों की भूमिका की जांच की थी। जांच के दौरान बड़े पैमाने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी इसमें शामिल पाए गए। ईओयू द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर गृह विभाग ने राजस्व, खनन और परिवहन विभाग के अधिकारियों समेत एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ पर कार्रवाई की सिफारिश संबंधित विभागों से की है। इन अधिकारियों पर कभी भी गाज गिर सकती है।