दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के एक धड़े के नेता चिराग पासवान की याचिका को खारिज कर दिया। इसमें उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा पशुपति कुमार पारस को सदन में पार्टी के नेता के तौर पर मान्यता देने को चुनौती दी थी। इस मामले पर केंद्रीय मंत्री और चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं। वह मेरा भतीजा है लेकिन इस समय रास्ते से भटक गया है।
पशुपति पारस ने कहा कि हिंदू कानून और भारतीय संविधान के अनुसार स्वर्गीय रामविलास पासवान की संपत्ति पर चिराग पासवान का अधिकार है। मुझे तो केवल उनकी राजनीतिक विरासत का आशीर्वाद मिला।
I respect the court’s decision. Chirag Paswan has right to Ram Vilas Paswan’s property. He is my nephew, I’ll not cause him pain, but he has strayed off track. Everyone has gone against him: Union Minister Pashupati Kumar Paras on Delhi HC rejecting Chirag Paswan’s plea pic.twitter.com/2ZHUKFu0Cv
— ANI (@ANI) July 9, 2021
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इस याचिका में कोई दम नजर नहीं आ रहा। अदालत इस मामले में चिराग पर जुर्माना लगाना चाहती थी लेकिन उनके वकील के अनुरोध करने के बाद उसने ऐसा नहीं किया। याचिका में लोकसभा अध्यक्ष के 14 जून के परिपत्र को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें चिराग के चाचा पारस का नाम लोकसभा में लोजपा के नेता के तौर पर दर्शाया गया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इस याचिका में कोई दम नजर नहीं आ रहा। अदालत इस मामले में चिराग पर जुर्माना लगाना चाहती थी लेकिन उनके वकील के अनुरोध करने के बाद उसने ऐसा नहीं किया। याचिका में लोकसभा अध्यक्ष के 14 जून के परिपत्र को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें चिराग के चाचा पारस का नाम लोकसभा में लोजपा के नेता के तौर पर दर्शाया गया था।