दो नवंबर वर्ष 2018 में यातायात की प्रशिक्षु महिला सिपाही सविता कुमारी की मौत के बाद लोदीपुर स्थित पुलिस लाइन में हुये बवाल का मामला रविवार को एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया। हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में योगदान देने के दो दिन बाद ही बवाल में संलिप्त रहे पटना पुलिस के 139 पुलिसकर्मियों को एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने निलंबित कर दिया। साथ ही इनके विभागीय कार्रवाई के आदेश भी दिये हैं।
इन सभी पुलिसकर्मियों पर वर्ष 2018 में महिला सिपाही की मौत के बाद हंगामा करने सहित कई गंभीर आरोप हैं। बवाल के बाद इस मामले में तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने आरोपित 185 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया था। इस कार्रवाई के बाद संबंधित सिपाहियों की ओर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया, जिसके बाद इन सिपाहियों को कोर्ट से राहत मिली, लेकिन निलंबन होने से इन्हें फिर से करारा झटका लगा है। मृतक महिला सिपाही मूलरूप से सीवान की रहनेवाली थी। डेंगू से बीमार होने के बाद उसकी मौत अस्पताल में हुई थी। साथियों ने तत्कालीन पुलिस लाइन के डीएसपी पर प्रताड़ना व अवकाश नहीं देने का आरोप लगाते हुए बवाल काटा था।
बताया गया है कि बर्खास्तगी को लेकर सिपाहियों द्वारा हाईकोर्ट से गुहार लगाई गई थी। उनका कहना था कि मामले में कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ही तत्कालीन एसएसपी द्वारा उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। मामले की सुनवाई के बाद तीन मई 2021 को हाईकोर्ट ने सभी जवानों की बर्खास्तगी को निरस्त करते हुए उन्हें बहाल करने का आदेश दिया। योगदान के बाद ही नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही। आदेश के बाद दो दिन पहले ही 185 में 139 जवानों ने योगदान दिया। इसके बाद रविवार को 139 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। बताया गया है कि अब इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी। निलंबन अवधि में इन लोगों को नियमानुसार आधा वेतन मिलते रहेगा।
हाईकोर्ट के आदेश और पुलिस मुख्यालय की गाइडलाइन के अनुसार पूर्व में बर्खास्त 168 में 139 पुलिसकर्मियों को योगदान कराया गया। इसके बाद 139 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इन सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। – उपेंद्र शर्मा, एसएसपी पटना