नौकरी का झांसा देकर दो महिला और चार पुरुषों को दूसरे राज्यों से धनबाद बुलाया गया और उन्हें साइबर ठगी के काम में लगा दिया गया। साइबर ठग गिरोह ने सबको महीने में वेतन के रूप में 50 हजार रुपए देने की बात कही थी। बेकारबांध गुप्तेश्वर अपार्टमेंट के सातवीं मंजिल पर फ्लैट लेकर कॉल सेंटर की तर्ज पर साइबर ठगी की दुकान चलाई जा रही थी।
हैदराबाद के एक दंपति भी इस गिरोह के लिए काम कर रहे थे। रविवार की रात दंपति ने मामले की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम डायल 100 पर दे दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो दंपति को छोड़ बाकी चार लोग मौके से फरार हो गए। फरार होनेवालों में एक महिला सहित तीन युवक शामिल थे। हैदराबाद के दंपति ने पुलिस को बताया कि तेलांगना में विज्ञापन देकर 30 से 50 हजार रुपए का जॉब देने की बात कही गई थी। पति इंजीनियरिंग (बीई) कर जॉब की तलाश में थे।
वहीं प्रेमिका से इंजीनियर की पत्नी बनी युवती भी बी-फार्मा का कोर्स कर रही थी। 20 दिन पहले दोनों जॉब की तलाश में धनबाद आए। उन्हें पहले कहीं और ठहराया गया था। एक जुलाई को दोनों को बेकारबांध स्थित फ्लैट में रखवाने का इंतजाम किया गया। फ्लैट में एक और दंपति के अलावा दो युवक भी साथ में ठहरे थे। सभी लोगों से मोबाइल पर साइबर ठगी के लिए फोन कराया जाता था। दंपति को जब साइबर ठग की मंशा समझ में आई तो उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी। दोनों को धनबाद थाना की पुलिस ने पीआर बांड पर छोड़ दिया। गिरोह के अन्य सदस्यों और मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही है।बोधगया का पवन है मास्टरमाइंड, पुलिस कर रही तलाश
दंपति ने पुलिस को एक मोबाइल नंबर दिया है। उन्होंने बताया कि इस मोबाइल से फोन करने वाला ही गिरोह का मास्टरमाइंड है। वह अपना नाम पवन बताता था। पुलिस ने जब उसका मोबाइल लोकेशन निकाला तो पता चला कि वह बोधगया से गैंग को ऑपरेट कर रहा था। फ्लैट में ठहरे लोगों से आम लोगों को फोन कराया जाता था। फोन पर लोन देने का ऑफर देकर उनके खाते का विवरण मांगा जाता था। विवरण के आधार पर लोगों के खातों से रकम उड़ा लिए जाते थे।