कोरोना की संभावित तीसरी लहर के दौरान बच्चों को संक्रमण से बचाव व इलाज के लिए 27 ज़िलों में बच्चों का 10 बेड का आईसीयू बनेगा। ये आईसीयू जिला अस्पताल या संबंधित जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बनाये जाएंगे। इसके अतिरिक्त सभी ज़िलों में 10 से 20 बेड का सीपीसीयू (कंप्रिहेंसिव पीडियाट्रिक केयर यूनिट) बनाये जाएंगे। इसके लिए दो माह का समय निर्धारित किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की हाल ही में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। आपदा प्रबंधन विभाग के सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने की। बैठक में तीसरी लहर के दौरान राज्य में बच्चों को कोरोना से बचाव और तैयारियों को लेकर विमर्श किया गया और कार्ययोजना तैयार की गई।
बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार एक सप्ताह के अंदर राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में बच्चों के इलाज की सुविधा का आकलन करने और उसकी रिपोर्ट विभाग को कार्रवाई के लिए देने, दो सप्ताह के अंदर राज्य में संचालित पीकू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) और सीपीसीयू को पूरी तरह से फंक्शनल करने, एक सप्ताह के अंदर बच्चों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं, चिकित्सा उपकरणों का आकलन करने और उसके भंडारण की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया। इसमें विशेष रूप से 0 से 2 साल के बच्चों के लिए ऑक्सीमीटर के इंतजाम का निर्णय शामिल है।
इसके साथ ही अस्पतालों में बच्चों के लिए ऑक्सीजन युक्त बेड, जांच और इलाज को लेकर समन्वय बनाने, प्रशिक्षण देने सहित अन्य बिंदुओं पर भी निर्णय लिए गए। बैठक में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एके जायसवाल, एम्स पटना के पीडिएट्रिक्स विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. लोकेश तिवारी, यूनिसेफ के डॉ. एसएस रेड्डी सहित अन्य सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।