भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी कर सभी निबंधित गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट मांगी है। इसमें दलों के आय और व्यय का ब्यौरा दिया जाना है। आयोग के निर्देश के आलोक में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार ने राज्य के निबंधित गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को नोटिस जारी कर वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट मांगी है।
निर्वाचन विभाग के संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मिथिलेश कुमार साहू ने यह निर्देश जारी किया। जारी निर्देश के अनुसार अंशदान रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष 30 सितंबर या आयकर विवरणी दाखिल करने के लिए विस्तारित तारीख तक जमा किया जाना है। जबकि वार्षिक लेखा-परीक्षित लेखा (वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट) को प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर तक जमा करना है।
इसके अतिरिक्त चुनाव खर्च का विवरण विधानसभा चुनाव के पूरा होने के 75 दिनों और लोकसभा चुनाव के पूरा होने के 90 दिनों के अंदर जमा करायी जानी है। निर्देश के अनुसार वैसे सभी निबंधित गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, जिनका मुख्यालय बिहार में स्थित है, उन्हें निर्धारित समय पर रिपोर्ट/ विवरण मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार के कार्यालय में जमा करना है।
ज्ञात हो कि राज्य में 11 प्रमुख मान्यता प्राप्त निबंधित दलों के अतिरिक्त गैर निबंधित मान्यता प्राप्त 150 राजनीतिक दल हैं। मान्यता प्राप्त निबंधित दलों द्वारा सीधे भारत निर्वाचन आयोग को ऑडिट रिपोर्ट भेजी जाती है। जबकि गैर मान्यता प्राप्त दलों द्वारा राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से ऑडिट रिपोर्ट भेजी जाती है।
चुनावी वर्ष 2020-21 की ऑडिट रिपोर्ट किसी ने जमा नहीं की
राज्य में वर्ष 2020-21 की ऑडिट रिपोर्ट अबतक किसी भी निबंधित गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल द्वारा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार के कार्यालय में दाखिल नहीं की गयी है। जबकि वर्ष 2019-20 की अब तक 20 निबंधित गैर मान्यता प्राप्त दलों ने ही ऑडिट रिपोर्ट दाखिल की है।
इनमें जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक), जनतांत्रिक विकास पार्टी, राष्ट्रीय समता पार्टी (सेक्यूलर), जनहित दल, जनता दल (राष्ट्रवादी), भारतीय लोकतांत्रिक पार्टी (गांधी-लोहियावादी), भारतीय मोमिन फ्रंट, भारतीय जन कांग्रेस (राष्ट्रीय), भारतीय जनतांत्रिक जनता दल शामिल हैं। जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर), विकासशील इंसान पार्टी व अन्य ने वर्ष 2019-20 की ऑडिट रिपोर्ट जमा कर दी है।