बिहार के समस्तीपुर जिले के रोसड़ा के नायक टोली के लोगों के लिए मंगलवार सुबह अमंगल बनकर आया। एक फोन की घंटी के बाद शिवजी महतो सहित पांच परिवारों में कोहराम मच गया। चीख और चीत्कार से नायक टोली मोहल्ला के अलावा अगल-बगल के मोहल्लों को भी दहला कर रख दिया। पल भर में यह खबर पूरे शहर में फैल गयी। जिसने भी इस दर्दनाक हादसे की बात सुनी वह स्तब्ध रह गया। इधर, देखते ही देखते मृतक के घर पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग मृतक के परिजनों को ढाढ़स बंधा रहे थे। पर वहां का हृदयविदारक दृश्य देख मौजूद लोग भी खुद के आंसू नहीं रोक पा रहे थे। एक साथ छह लोगों की मौत की खबर से मोहल्ले के लोग पूरी तरह सन्न थे।
परिजनों ने बताया कि सोमवार को शिवजी महतो अपनी छोटी बेटी चांदनी की शादी के लिए लड़का देखने कटिहार के फुलवरिया गए थे। लड़का पसंद आने और बात बन जाने पर लड़के को छेक भी दिया था। उनके साथ चारपहिया वाहन में उनका बड़ा बेटा नंदलाल महतो, साला राजकुमार महतो, पड़ोसी अजय महतो उर्फ नथुनी, रामस्वरूप साह उर्फ गोरख साह, अर्जुन महतो, कैलाश महतो, सुनिल महतो व रिश्तेदार संतोष कुमार साह थे। इनमें आठ लोग शहर के नायक टोली मोहल्ला के ही रहनेवाले थे। जबकि स्कोर्पियो चालक संतोष सिंघिया थाना क्षेत्र के लगमा का रहनेवाला था। संतोष शिवजी का रिश्तेदार था। ये सभी मंगलवार की अहले सुबह वापस घर लौट रहे थे। उसी दौरान कटिहार के कुरैसला में कोसी पुल पर एक खड़े ट्रक से स्कोर्पियो की जोरदार टक्कर हो गयी।
हादसे में शिवजी व उनका बेटा नंदलाल, साला राजकुमार, पड़ोसी अजय उर्फ नथुनी, रामस्वरूप व संतोष की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। जबकि अर्जुन, कैलाश व सुनील गंभीर रूप से जख्मी हो गए। तीनों घायलों को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया है। जहां उनका एक निजी नर्सिंग होम में इलाज जारी है। मंगलवार सुबह खबर मिलने के बाद से मोहल्ले में मातमी सन्नाटा पसरा है। परिजनों के बीच चीख-पुकार मची है ।
मोहल्ले में किसी के घर नहीं जला चूल्हा
मंगलवार को दिल दहला देने वाली घटना की सूचना के बाद से शहर के नायक टोली मोहल्ले में मातमी सन्नाटा पसर गया है। इस मोहल्ले में मंगलवार को किसी के घर चूल्हे तक नहीं जले। मोहल्ले के लोग पीड़ित परिवार के सदस्यों को ढांढ़स बधाने में लगे रहे। मृतकों के घर लोगों की भीड़ लगी रही। रह-रह कर मृतक के घर से परिजनों के चीख और चीत्कार की उठने वाली आवाज लोगों के दिलों को दहला रही थी ।
बेटी का हाथ पीला भी ना कर सके शिवजी
बेटी की शादी को लेकर घर में बना खुशी का माहौल पल भर में मातम में बदल गया। शिवजी को क्या पता था कि बेटी के लिए लड़का छेक कर वापस लौटते समय वह काल कलवित हो जाएगा। बेटी के हाथ पीले करने की उसकी हसरत धरी की धरी रह गयी। पिता व पुत्र दोनों की मौत सड़क दुर्घटना में एक साथ हो गयी। इसी के साथ शिवजी का परिवार बिखड़ सा गया। घर में अब कमाने वाला बचा ही नहीं।
शिवजी का छोटा बेटा राजू अभी नबालिग है, वह पढ़ाई कर रहा है। जबकि राजू की दो बहनों में बड़ी की शादी हो चुकी है। दूसरी की शादी के लिए ही शिवजी अपने बेटे व स्वजनों के साथ लड़का छेकने गया था। राजू और चांदनी के सिर से पिता और बड़े भाई का साया उठ गया। शिवजी के परिवार पर मानो कहर टूट पड़ा पड़ा है। पिता-पुत्र की एक साथ मौत हो जाने से सास और बहू दोनों एक साथ विधवा हो गयी हैं। मृतक पुत्र नंदलाल को तीन साल का एक मासूम लड़का है। नंदलाल की पत्नी सीमा के चीख और चीत्कार से पूरा मोहल्ला दहला हुआ है। दोनों विधवा पर तीन-तीन बच्चों के परवरिश के साथ ही चांदनी के शादी का बोझ भी बढ़ गया है। इंटर की पढ़ाई कर रहे राजू के ऊपर अब पूरे परिवार का दायित्व आ गया है। मृतक शिवजी अपने पुस्तैनी पेशा तार चढ़ने का काम करते थे। इससे ही वे अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। मंगलवार को मृतक शिवजी के घर मौजूद हर लोगों की जुबां से बस एक ही बात निकल रही थी कि अब कैसे अकेले राजू उठा पाएगा पूरे परिवार का भार।
मरने वाले सभी थे अपने घर के कमाऊ सदस्य
मंगलवार को कटिहार में हुए भीषण सड़क हादसे में हुई छह लोगों की मौत से पांच परिवारों पर गम का पहाड़ टूट पड़ा है। इस हादसे में मौत के शिकार हुए सभी लोग अपने परिवार के कमाऊ सदस्य थे। उनके ऊपर ही घर के सभी सदस्यों के भरण-पोषण का भार था। शिवजी महतो व उसके बेटे नंदलाल की मौत से तो उसका परिवार ही बिखर सा गया है। वहीं राजकुमार की मौत की खबर सुन उसकी पत्नी सोनी देवी बेसुध पड़ी है। बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल है।
दलसिंहसराय का मूल निवासी राजकुमार रोसड़ा के नायक टोली में ही घर बनाकर रहने लगा था। वह रिश्ते में शिवजी का साला था। इसी मोहल्ले के अजय के परिवार पर भी गम टूट पड़ा है। अजय के दो छोटे-छोटे बेटे हैं, जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं। दो बड़ी लड़की है, जिसकी शादी करने की वह सोच रहा था। पर अब उसके नहीं रहने से अजय की विधवा को बेटियों की शादी की चिंता सताने लगी है। वहीं रामस्वरूप उर्फ गोरख का चार बेटा है, जो अभी पढ़ाई ही कर रहा है। गोरख खैनी काटकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। उसके चले जाने से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। स्कोर्पियो मालिक व चालक संतोष साह भी अपने घर का कमाऊ सदस्य था। संतोष कोलकाता में रहता था। वह ट्रांसपोर्ट के कारोबार से ही जुड़ा था। शिवजी का रिश्तेदार होने के नाते वह खुद गाड़ी ड्राइव कर गया था।