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Bihar Live News – एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल: वकीलों की सुरक्षा से जुड़े बिल का ड्रॉफ्ट तैयार, नुकसान की भरपाई को जुर्माने का भी प्रावधान

एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल की रूपरेखा व ड्रॉफ्ट बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की सात सदस्यीय कमेटी ने तैयार की है। इसमें वकीलों के हितों की सुरक्षा के लिए कई प्रावधान का प्रस्ताव है। इसमें 16 धाराएं रखी गई हैं।

प्रस्तावित बिल में वकील तथा उनके परिवार के सदस्यों को किसी प्रकार की क्षति व चोट पहुंचाने की धमकी देना, किसी भी सूचना को जबरन उजागर करने का दबाव देना, दबाव पुलिस अथवा किसी अन्य पदाधिकारी से दिलवाना, वकीलों को किसी केस में पैरवी करने से रोकना, वकील की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, किसी वकील के खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करना जैसे कार्यों को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। ये सभी अपराध गैर जमानती अपराध होंगे। ऐसे अपराध के लिए 6 माह से 2 वर्ष की सजा के साथ-साथ दस लाख रुपये जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। इन अपराधों के लिए पुलिस को 30 दिनों के भीतर अनुसंधान पूरा करना होगा, जिसकी सुनवाई जिला व सत्र न्यायाधीश/अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायधीश करेंगे लेकिन अगर कोई वकील अभियुक्त हो तो यह कानून उसपर लागू नहीं होगा।

सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में देना होगा आवेदन
वकील को सुरक्षा देने के बारे में भी प्रस्तावित कानून में प्रावधान किये गये हैं। वकील को सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में आवेदन देना होगा। हाईकोर्ट वकील के आचरण सहित अन्य तथ्यों  की जांच कर, जरूरत पड़ने पर स्टेट बार काउंसिल तथा बीसीआई से जानकारी लेकर सुरक्षा देने के बारे में आदेश जारी करेगा। एक बार किसी वकील को सुरक्षा दिए जाने के बाद उसे वापस लेने के लिए कोर्ट के रजिस्ट्रार के स्पष्ट निर्देश के बाद ही सुरक्षा वापस ली जा सकेगी।

शिकायत के निपटारे को समिति बनेगी
वकील संघ की शिकायत के निपटारे के लिए शिकायत निवारण समिति का गठन किया जाएगा। इस शिकायत पर तीन सदस्यीय कमेटी जांच करेगी। वकीलों के कर्तव्यों के निर्वहन में कोई त्रुटि होने पर वकीलों को जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकेगा। सीजेएम के आदेश के बाद ही किसी वकील को गिरफ्तार किया जा सकेगा। वकील के खिलाफ केस दर्ज होने पर सीजेएम पहले नोटिस जारी कर वकील का पक्ष जान आगे की कार्रवाई के बारे में आदेश जारी करेंगे। प्राकृतिक आपदा जैसी स्थिति में केंद्र व राज्य सरकार जरूरतमंद वकीलों को 15 हजार रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान करेंगे। सरकार बीमा, चिकित्सा, सामाजिक सुरक्षा संबंधी योजनाएं लागू करेगी। एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को विशेष कानून का दर्जा देने का भी प्रावधान प्रस्तावित बिल में किया गया है।

एक हफ्ते में दे सकते हैं सुझाव
प्रस्तावित बिल के बारे में बीसीसीआई के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि ड्रॉफ्ट बिल की कॉपी देश के सभी स्टेट बार काउंसिल सहित वकील संघों को भेजा जा रहा है। ताकि प्रस्तावित ड्रॉफ्ट में कोई सुझाव देना चाहते तो वह एक सप्ताह के भीतर सुझाव दे सकें। उनका कहना था कि इस ड्रॉफ्ट बिल को जल्द से जल्द संसद से पास कराने का प्रयास किया जायेगा।

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