बता दें कि बीते 7 सितंबर को एलजेपी बिहार संसदीय बोर्ड की बैठक में 143 विधानसभा सीटों पर तैयारी करने की बात कही गई थी. सदस्यों की तरफ़ से हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने की बात हुई थी. इसके साथ ही संसदीय बोर्ड के सदस्यों की तरफ़ से नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव में जाने पर नुक़सान होने की बात कही गई थी. ऐसे में लगभग एक हफ़्ते बाद हो रही सांसदों की बैठक में इन सभी मुद्दों पर चर्चा होगी.
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में रामविलास पासवान और पाशुपति कुमार पारस अस्पताल में होने के चलते शामिल नहीं होंगे. वहीं, स्वास्थ्य लाभ ले रहे महबूब अली कैसर वीडियो कांफ़्रेंसिंग के ज़रिए जुड़ सकते हैं. मीटिंग में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग़ पासवान, बिहार प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज, सांसद चंदन सिंह और वीणा देवी के अलावा दो पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और काली प्रसाद पांडे भी होंगे शामिल होंगे.
बता दें कि 13 सितंबर को चिराग़ ने पीएम को पत्र लिखकर अपनी पार्टी और संसदीय बोर्ड की भावना से अवगत कराया है. इस पत्र में चिराग़ ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव में जाने पर नुक़सान होने की उस बात का ज़िक्र किया है जिसे संसदीय बोर्ड के सदस्यों ने उठाया था.इस बैठक को लेकर पार्टी को यह भी उम्मीद है कि एनडीए गठबंधन के दो प्रमुख दलों-जेडीयू और बीजेपी के बीच सीट बंटवारे को लेकर बैठक के समय तक स्पष्टता आ जाएगी. लोजपा के सूत्रों ने बताया कि राज्य में पार्टी (लोजपा) की स्थिति को कमजोर करने का कोई भी प्रयास जेडीयू के खिलाफ जाएगा.
बता दें कि लोजपा खास तौर पर जेडीयू के साथ जीतन राम मांझी के रूप में दलित नेता के तौर पर जोड़ने को लेकर भी पसोपेश में है. हालांकि सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को अक्तूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राजग गठबंधन के सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी.