


अरविंद अकेला कल्लू भोजपुरी के दुनिया का बहुत बड़ा नाम है. आजकल सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है कि अरविंद अकेला कल्लू बेहद गरीब परिवार से आते हैं.लेकिन यह बात काफ़ी सच नहीं है क्युकी कल्लू बेहद संपन्न परिवार से आते हैं और उनके दादा भी बहुत बड़ी पोस्ट पर थे।
बता दे कि अभी के समय में अरविंद अकेला कल्लू बहुत बड़ा नाम बन चुके हैं। भोजपुरी के दुनिया में उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी है और उनकी सभी फिल्मों को लोग बेहद पसंद करते हैं।।
अबतक आप लोगों ने यही सुना होगा कि कल्लू बेहद गरीब परिवार से हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. कल्लू की पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकार आप हैरान हो जाएंगे. उनके चाचा विकास चौबे के अनुसार कल्लू शुरू से ही सम्पन्न परिवार का हिस्सा रहे हैं. अरविंद अकेला उर्फ कल्लू के परदादा का नाम स्व. मुनेश्वर चौबे था जो उस समय न्याय व्यवस्था में जूरी सदस्य थे.
इसके अलावा जब 1951 में बक्सर विधानसभा का पहला चुनाव हुआ तो उस दौरान कल्लू के परदादा भी चुनावी मैदान में अपना दावा पेश किए थे. हालांकि, बाद में उन्होंने अपना समर्थन कांग्रेस प्रत्याशी पंडित लक्ष्मीकांत त्रिवेदी को दे दिया था, जिसके बाद पहली बार बक्सर विधानसभा क्षेत्र से पंडित लक्ष्मीकांत त्रिवेदी विधायक चुने गए थे.
वहीं कल्लू के दादा जी का नाम स्व. कमलापति चौबे था जो उत्तर प्रदेश में सीआईडी इंस्पेक्टर हुआ करते थे. कल्लू के दादा तीन भाई थे तीनों भाई में वे सबसे बड़े थे. दो अन्य भाइयों में स्व. मार्कण्डेय चौबे जो दूरदर्शन में नौकरी करते थे.कल्लू के सबसे छोटे दादा जी का नाम स्व. विमलापति चौबे था जो गांव पर ही खेती करते थे.
पिता चलाते थे स्पेयर पार्ट्स की दुकान
कल्लू के पिता की बात करें तो उनका नाम काशेश्वर नाथ चौबे उर्फ चुनमुन चौबे है. ये गांव में ही खेती करने के साथ बक्सर शहर के बाईपास रोड में ऑटो रिक्शा के स्पेयर पार्ट्स की दुकान संचालित करते थे.
बाद में जब कल्लू अपनी गायकी के बल पर आगे निकलने लगे तो पिताजी कल्लू के प्रोग्राम का सारा मैनेजमेंट संभालने लगे. इस बीच समय के अभाव के कारण स्पेयर पार्ट्स की दुकान को बंद करना पड़ा. यह दुकान बंद किये हुए लगभग 15 साल हो गए. कल्लू के पिता जी दो भाई में छोटे हैं, कल्लू के बड़े पापा का नाम कमाख्या नारायण चौबे उर्फ मुन्ना चौबे है जो गांव में नहीं रहते हैं.