पटना नगर निगम लगातार गीले व सूखे कचरे को अलग अलग रखने के लिए लगातार लोगो से जागरूकता अभियान चला रही है. जिसे अब सफल भी माना जा रहा है। आपको बता दे कि अब तक प्रदेश के 6000 घरों में गीले कचरे से खाद बनाया जा रहा है। तो वही नगर निगम ने लोगो से अपील भी की थी की सभी घरों में गीले कचरे से खाद बनाने के लिए लेकिन अब बहुत हद तक इस तकनिकी का लाभ भी मिला है।
नगर निगम ने बताया की हर घर से हफ्ते में एक दिन सूखे कचरे का कलेक्शन किया जाएगा। तो वही घरों के गीले कचरों से घर में सवयं खाद बनाये . आपको बता दे कि जो गीले कचरे से खाद बनाएंगे उन्हें नगर निगम को महीने में कचरे उठाने के लिए पैसे नहीं लगेंगे। उन घरों को कचरा शुल्क नहीं देना होगा. निगम में 6000 घरों में गीला कचरा से खाद बनाया जा रहा है. कचरा शुल्क के एवज में प्रत्येक घर से प्रति माह 30 रुपये लिया जाता है. इन घरों से कचरा शुल्क देने में छूट मिलेगी।
निगम के अधिकारी ने बताया कि नूतन राजधानी अंचल में कुल 1295, कंकड़बाग अंचल में 890, पाटलिपुत्र अंचल में 1290, पटना सिटी अंचल में 640, बांकीपुर अंचल में 960 और अजीमाबाद अंचल में 810 घरों से गीले कचरे से खाद बनाया जा रहा है. जिन घरों में खाद गीले कचरे को खाद का प्रयोग घर के बागबानी के लिए कर रहे है. उन घरों में प्रोत्साहन के लिए घरों के कचरा उठाव के लिए हफ्ते में फ्री में कचरा कलेक्ट किया जाएगा।
आपको बता दे कि नगर निगम सभी घरों से गीला व सूखा कचरा को अलग अलग रखने के लिए कहा था इसके साथ ही साथ जिन लोगों को गीले कचरे से खाद बनाने नहीं आता उन लोगो को नयी नयी तकनीकी का जानकारी भी दे रहे है। सब्जी मंडियों के अलावा बड़े-बड़े होटलों में गीले कचरे से खाद बनाने में कचरा शुल्क में 50 फीसदी छूट का प्रावधान है. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि गीले कचरे का अधिक से अधिक उपयोग खाद बनाने में होने से शहर अधिक स्वच्छ रहेगा।