पटना के लोगों को अब तारामंडल का नया रूप देखने को मिलेगा. इस दौरान दर्शकों को 3D,2D के साथ RGB laser projector और चेन सस्पेंड डोम स्क्रीन का लुफ्त उठा सकेंगे और ऑप्टिकल टेलीस्कोप से ब्रह्मांड को देख सकेंगे. नीतीश सरकार ने इस पर काम शुरु कर दिया है. इसको लेकर बिहार के विज्ञान प्रावैधिकी मंत्री सुमित सिंह की मौजूदगी में बिहार सरकार और नेशनल कौंसिल ऑफ साइंस एंड म्यूजियम के बीच एकरारनामा हुआ. विश्वेश्वरैया भवन के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग में यह इकरारनामा किया गया. इस मौके पर विभागीय सचिव लोकेश कुमार सिंह मौजूद रहें.
इस मौके पर मंत्री सुमित सिंह ने कहा है कि यह प्रोजेक्ट अगले 2 साल में तैयार हो जायेगा. दो साल के बाद पटना के तारामंडल में नई तकनीक का लुफ्त उठा सकेंगे. कुल 36 करोड़ की राशि से पटना तारामंडल को नया रुप दिया जा रहा है. उन्होने कहा कि देश में यह पहला तारामंडल होगा जिसमे नए तकनीक का प्रयोग किया गया है.
वहीं, नेशनल कौंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम कोलकाता के निदेशक समरेंद्र कुमार ने बताया कि हम नई तकनीक का प्रयोग कर रहें है. बिहार नई तकनीक से दर्शकों को साइंस फिक्शन फ़िल्में भी दिखा सकेंगे. उन्होंने कहा कि दर्शकों को 3D,2D के साथ RGB laser projector और चेन सस्पेंड डोम स्क्रीन का आनंद ले सकेंगे.
लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि बिहार सरकार की राशि से यह बनाया जा रहा है. जब तक काम शुरू नहीं होता है, तब तक तारामंडल खुला रहेगा. जब इंटरनल कार्य शुरु हो जायेगा, तो कुछ दिनों तक दर्शकों को तारामंडल में एंट्री बंद रहेंगी. हालांकि,उन्होंने कहा कि ये काम एजेंसी को सौपा गया है
Source: Zee News