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हाई-टेक खेती के लिए किसानों को मिल रहा 100% अनुदान, अब फसलों की निगरानी ड्रोन से होगी

बिहार में कृषि के क्षेत्र में आधुनिकीकरण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। बिहार सरकार कृषि के क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल की संख्या में बढोतरी कर रही है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय बजट में कृषि के छात्रों को आधुनिकीकरण करने पर विशेष बात की गई थी। जिसके बाद अब इसका लाभ राज्यों को मिलना शुरू हो गया है। बिहार के खेतों में ड्रोन से सिर्फ पानी का छिड़काव ही नहीं बल्कि खेतों का निगरानी भी किया जाएगा।

केंद्र सरकार की ओर से किसान उधमिता को बढ़ावा देने का काम कर रही है। इसके लिए सरकार किसान समूह यानी फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनियों को 75 प्रतिशत अनुदान देगी। ताकी गांवों और किसानों का साथ में विकास हो सके। गांवों में रोजगार के नये द्वार खोलने के लिए कस्टमर हायरिंग सेंटर के युवाओं को 40 प्रतिशत और कृषि से स्नातक युवाओं को 50 प्रतिशत अनुदान देकर उद्यमियता को बढ़ावा दिया जाएगा।

इसके साथ ही केंद्र सरकार किसान विज्ञान केंद्र व कृषि विश्वविद्यालय को भी शत-प्रतिशत अनुदान देगी। कृषि में स्नातक किए छात्रों को तकनीक से जोड़ने के लिए किसानों को किराये पर ड्रोन उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य में किसानों के सामने ड्रोन से खाद, बीज और कीटनाशकों के छिड़काव का प्रदर्शन किया जा रहा है। किसानों को ड्रोन उपलब्ध कराने का काम कृषि व ऑर्गेनिक कंपनी को दिया गया। अभी भोजपुर, आरा, बक्सर, रोहतास में ड्रोन का प्रदर्शन किया जा रहा है।

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बीज व कीटनाशक के छिड़काव का असर दुष्प्रभाव होता है। ऐसे में ड्रोन के इस्तेमाल की बात करें तो या हमारे लिए काफी फायदेमंद है। ड्रोन से छिड़काव करने में समय की बचत के साथ-साथ खेती में लागत भी कम लगेगा ड्रोन 6 मिनट में एक एकड़ जमीन में खाद व किटनासक का छिड़काव कर सकता है। वही पहले हाथ से खालो का छिड़काव करने पर कहीं ज्यादा तो कहीं कम मात्रा में सिरका होता था। जिसका फसलों पर दुष्प्रभाव असर पड़ता है।

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