विधानसभा चुनाव में धनबल के प्रयोग को रोकने की कवायद तेज हो गई है। चुनाव आयोग ने इसके लिए चुनाव खर्च निगरानी सेल का गठन किया है। पुलिस महानिरीक्षक डॉ. कमल किशोर सिंह इसके नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। नोडल अधिकारी की कमान संभालते ही उन्होंने सभी वरीय पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षकों को विधानसभावार फ्लाइंग स्क्वायड व स्टैटिक सर्विलांस टीम के गठन का आदेश जारी किया है।
पुलिस महानिरीक्षण ने सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को आदेश दिया है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम तीन फ्लाइंग स्क्वायड का गठन किया जाए। जरूरत पड़ी तो इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है, लेकिन किसी भी हालत में विधानसभावार इनकी संख्या तीन से कम नहीं होगी। इसके साथ ही उन्होंने स्टैटिक सर्विलांस टीम के गठन का भी निर्देश दिया है। पुलिस महानिरीक्षक ने इन दोनों टीम के गठन से संबंधित रिपोर्ट की भी मांग की है। इसके अलावा उन्होंने कहा है कि टीम अभी से अपना काम शुरू कर देगी, लेकिन चुनाव की अधिसूचना जारी होने के दिन प्रतिदिन उसकी रिपोर्ट मुख्यालय को दी जाएगी, ताकि चुनाव खर्चों पर निगरानी के साथ सख्ती बनी रहे।
बिहार में गठित होगी करीब 700 टीमें, रहेगी खर्च पर नजर
विधानसभा चुनाव 238 सीटों पर होना है। पुलिस महानिरीक्षक ने प्रत्येक सीट के लिए कम से कम तीन फ्लाइंग स्क्वायड के गठन का आदेश दिया है। इस लिहाज से राज्य में कम से कम करीब सात सौ फ्लाइंग स्क्वायड की टीम का गठन किया जाएगा। हालांकि विधानसभा क्षेत्र व उम्मीदवार की संख्या अधिक होने पर इसकी संख्या बढ़ भी सकती है। वहीं राज्य भर में चुनाव कराने के लिए कम से कम 238 स्टैटिक सर्विलांस टीम का भी गठन किया जाएगा। ये दोनों टीमें उम्मीदवारों के खर्चों पर नजर रखेंगी और इसकी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजेंगी। प्रत्याशियों के लिए इन दोनों टीम से आंख बचाकर धनबल का खेल करना इस चुनाव में मुश्किल होगा।