शून्य काल में बसपा सांसद ने उठाया मुद्दा
बसपा के मलूक नागर ने शून्य काल के दौरान इस विषय को उठाते हुए कहा कि 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उत्तर प्रदेश को चार भागों में बांटने के लिए एक प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र सरकार को भेजा था. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा नागर ने कहा कि राज्य के बंटवारे से दलितों और अकलियतों के लिए कई रास्ते खुलेंगे. उन्होंने कहा कि इससे लोगों में खुशहाली आएगी और उच्च न्यायालयों जैसी अन्य सुविधाएं भी मिल सकेंगी.
बसपा प्रमुख मायावती ने 2012 में किया था ये काम
बसपा प्रमुख और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने 2012 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश को चार राज्यों पूर्वांचल, बुंदेलखण्ड, पश्चिम प्रदेश और अवध प्रदेश में बांटने का प्रस्ताव पारित कराकर केन्द्र के पास भेजा था. हालांकि कुछ ही महीने बाद प्रदेश में सपा की सरकार बनने के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. यही नहीं, इसके बाद भी बसपा जब तब इस मुद्दे को उठाती आई है, लेकिन इस पर अभी कोई अमल नहीं हुआ है. हालांकि बसपा सांसद मलूक नागर द्वारा इस मुद्दे को लोकसभा में उठाए जाने के बाद एक बार फिर चर्चा तेज होने की उम्मीद है.
बहरहाल, मलूक नागर साल 2014 में भी बसपा के टिकट पर बिजनौर सीट से लोकसभा चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे. जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में वे बसपा, सपा व रालोद गठबंधन से बसपा के सिंबल पर बिजनौर से करीब 70 हजार वोटों से चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे.