MST-Monthly Season Ticket Service: रेलवे की ओर से अभी जितनी ट्रेनें चलाई जा रही हैं, उनमें पहले से टिकट लेना जरूरी होता है. यानी पहले की तरह व्यवस्था नहीं है कि स्टेशन गए, टिकट ली और चढ़ गए. ऐसे में बहुत सारे लोगों को परेशानी हो रही है. बुकिंग और अन्य चार्ज के नाम पर टिकट के अधिक पैसे भी लग रहे हैं. ऐसे में आम यात्रियों को परेशानी हो रही है. खासकर डेली पैसेंजर्स यानी रोजाना यात्रा करनेवाले यात्रियों के लिए.
ऐसे यात्री एमएसटी (MST) यानी मासिक सीजनल टिकट (Monthly Season Tickets) के जरिये रियायती दरों पर ट्रेनों में सफर करते थे. लेकिन कोरोना काल में तमाम रियायती सुविधाओं के साथ मंथली पास सुविधा भी बंद कर दी गई है. राष्ट्रीय स्तर पर संचालित मासिक पास सुविधा यानी एमएसटी पिछले डेढ़ साल से स्थगित की गई है. अब कहा जा रहा है कि जल्द ही रेलवे यह सुविधा शुरू करने जा रही है. जी हां! सही पढ़ा आपने जल्दी ही रेल यात्रा करने वाले अप-डाउनर को मासिक पास की सुविधा बहाल की जा सकती है.
रेल मंत्रालय को भेजा गया है प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भोपाल रेल मंडल सहित जोन के बाकी मंडलों में मासिक पास धारियों को सुविधा देने के लिए महाप्रबंधक कार्यालय (GM Office) से रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) को प्रस्ताव भेजा गया है. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस प्रस्ताव पर आने वाले कुछ हफ्तों में मंजूरी दी जा सकती है. पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में भोपाल डीआरएम उदय बोरवणकर के हवाले से लिखा है कि मासिक पास सुविधा राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ शुरू होगी. इसे लेकर रेल मंत्रालय विचार कर रहा है.
क्या होता है मासिक सीजनल टिकट?
रेलवे की ओर से विभिन्न वर्ग के यात्रियों (बच्चों, छात्रों, आम लोगों) को रियायती दरों पर सीजनल टिकट जारी किए जाते हैं. उपनगरीय और गैर-उपनगरीय दोनों सेक्शनों के लिए एक महीने, तीन महीने आदि अवधि के लिए ये टिकट जारी किए जाते हैं. द्वितीय श्रेणी मासिक सीजन टिकट का किराया सभी दूरियों के लिए एकसमान द्वितीय श्रेणी (साधारण) की 15 इकहरी यात्राओं के किराये के बराबर होता है.
वहीं, प्रथम श्रेणी मासिक सीजन टिकट का किराया सभी दूरियों के लिए एकसमान द्वितीय श्रेणी किरायों से चार गुना होता है. बच्चों का सीजन टिकट किराया वयस्क के सीजन टिकट किराये से आधा होता है. एक यात्री को अपने कार्यस्थल या अध्ययन स्थल से निवास के बीच यात्रा के लिए केवल एक सीजन टिकट जारी किया जाता है. वहीं दूरी सीमा का उल्लंघन करने पर अवैध मानते हुए कार्रवाई की जाती है.
बात करें सीजनल टिकट के रीन्यू यानी नवीवीकरण की, तो सीजन टिकटों के समाप्ति के तारीख से 10 दिन अग्रिम रूप से नवीनीकरण कराया जा सकता है. ऐसे मामलों में, नवीनीकरण की तारीख से नहीं बल्कि समाप्ति के तारीख के बाद वैध माने जाएंगे
सुविधा शुरू होने पर होगी राहत
बता दें कि स्पेशल ट्रेनों के संचालन के बाद भी रेलवे में एमएसटी सुविधा पर प्रतिबंध जारी रखा था. इसका सबसे ज्यादा नुकसान प्रतिदिन रेलवे में अप डाउन करने वाले यात्रियों को उठाना पड़ रहा है. पिछले एक साल से कंफर्म टिकट पर सफर करने की शर्त को पूरा करने के चक्कर में यात्रियों की जेब पर मोटा बोझ पड़ रहा है. यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे द्वारा मासिक पास जारी करने की उम्मीद की जा रही है. हालांकि लंबी दूरी की यात्रा के लिए फिलहला कंफर्म टिकट लेना ही जरूरी होगा