भाजपा सांसद (BJP MP) ने कहा कि फेसबुक, ट्विटर और समान तरह के प्लेटफॉर्म खुद को सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 (Information Technology Act, 2000) के तहत मध्यवर्ती संस्थाओं के दायरे में बताते हैं. उन्होंने कहा कि इस परिभाषा के हिसाब से मध्यवर्ती संस्थाओं की भूमिका किसी भी तीसरे पक्ष के उपयोगकर्ता (Third party users) के डेटा के प्रसंस्करण, संग्रहण और प्रसारण या पारेषण (Transmission) तक सीमित होती है तथा वे सामग्री को लेकर दखल नहीं दे सकतीं. सूर्या ने कहा कि सोशल मीडिया मंचों (Social media forums) के संदर्भ में नए दिशानिर्देश जारी किए जाने चाहिए.
फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष पर 15 अक्टूबर तक दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए: SC
वहीं एक अन्य मामले में उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति को निर्देश दिया कि फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजित मोहन को उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगों के बारे में गवाही देने के लिये जारी सम्मन के सिलसिले में उनके खिलाफ 15 अक्टूबर तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाये.यह भी पढ़ें: COVID-19 से जूझ रहे उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया LNJP अस्पताल में भर्ती
विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति ने फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक को इस सोशल मीडिया मंच के खिलाफ शिकायतों के सिलसिले में नोटिस जारी किया था. इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि फेसबुक ने अपने मंच पर नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री पर अंकुश लगाने के लिये जानबूझ कर कोई कार्रवाई नहीं की थी.