शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने दो दिन पहले विभागीय अधिकारियों के साथ और शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ रिव्यू मीटिंग की थी. इस मीटिंग में उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि राज्य सरकार औसतन 22 हजार रुपये एक बच्चे पर खर्च करती है. इसके बाद भी राज्य की शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही है. ऐसे में उन्होंने अधिकारियों से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि क्यों नहीं राज्य के सरकारी स्कूलों को निजी हाथों में सौंप दिया जाये.
शनिवार को शिक्षा मंत्री ने अपने आवास में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जिस तरह की स्थिति बन रही है उसमें राज्य सरकार आउटसोर्सिंग के माध्यम से राज्य के 40 हजार सरकारी स्कूलों को संचालित करने का सोच रही है. जल्द ही इस पर विभागीय स्तर पर मंथन किया जायेगा.
इसके साथ ही उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य की शैक्षणिक स्थिति को बेहतर करने के लिए राज्य सरकार कई तरह के उपाय कर रही है. जल्द ही राज्य की जनता को 325 मॉडल स्कूलों की सौगात मिलने जा रही है. यह स्कूल सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के पैटर्न पर संचालित होंगे.
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि इस साल अगस्त महीने तक 22 स्कूल, सितंबर महीने तक 26 स्कूल, अक्टूबर महीने तक 14 स्कूल और नवंबर में तीन स्कूल आदर्श स्कूल के रूप में डेवलप कर सामने आ जायेंगे.