झारखंड में हेमंत सरकार की ओर से कई प्रस्तावों पर मंजूरी दे दी है. जिसमें राज्य के प्रशासनिक पदाधिकारियों को भी एक उपहार मिलने जा रही है. दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान कहा अब राज्य का कोई प्रशासनिक पदाधिकारी अगर बेहतर शिक्षा के लिए बाहर जाएगा, तो उसे वेतन के अलावा सरकार उसकी शिक्षा के लिए भी पैसे देगी. इसके अलावा अब राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी जिला भ्रमण के दौरान सर्किट भवन का भी उपयोग कर सकेंगे.
बता दें कि झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ ने पुरानी पेंशन योजना लागू होने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार कार्यक्रम आयोजित किया था. 1 सितंबर 2022 से राज्य में लागू की गई पुरानी पेंशन योजना को लेकर सरकारी कर्मचारियों में काफी उत्साह है. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को संघ ने सम्मानित भी किया.
कार्यक्रम के दौरान संघ की ओर से 7 मांगें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गईं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन मांगों के अलावा भी कई नई सौगात की घोषणा कर दी. हेमंत सोरेन ने कहा कि अब राज्य प्रशासनिक पदाधिकारियों को बेहतर शिक्षा के लिए बाहर जाने पर वेतन के साथ-साथ शिक्षा के लिए पैसे मिलेंगे. इसके अलावा अब राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी जिला भ्रमण के दौरान सर्किट भवन का भी उपयोग कर सकेंगे. संघ भवन के निर्माण के लिए जमीन, महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव देने पर भी मुख्यमंत्री ने हामी भर दी है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पेंशन को बुढ़ापे की लाठी बताते हुए कहा कि किसी कारणवश ये लाठी छिन गई थी, जिसे उनकी सरकार ने लौटाने का काम किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों में कई बार देखने को मिलता है जब फाइल चक्कर लगाती रहती है. ऐसा नहीं होना चाहिए, अगर सही है तो सही और अगर गलत है तो उसका उल्लेख कीजिए. इस मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि प्रदेश और समाज के विकास में पदाधिकारी रीढ़ के समान हैं. वे तन-मन से राज्य के विकास में योगदान देने का काम करें.