बिहार सरकार जल्द ही मंदिरों और मठो की जमीन के मालिकाना हक के बारे में बड़ा फैसला लेने जा रही हैं। अब बिहार मे मठों और मंदिरों की जमीन का स्वामित्व कुछ हीं दिनो मे बदल जाएगा। राज्य के राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में पुजारी और महंत के बदले मंदिर मठ के संबंधित इष्ट देव का नाम दर्ज किया जाएगा। बिहार के विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने शनिवार को इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के आदेश को लागू करने की प्रक्रिया का यह महत्वपूर्ण पहल हैं।
दरअसल सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने पिछले साल एक आदेश मे कहा था कि भारतीय कानून के तहत ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं हैं कि राजस्व के रिकॉर्ड मे पुजारी या मंदिर मठ प्रबंधक का नाम दर्ज किया जाए। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) द्वारा अन्य मंदिरो से संबंधित भूमि विवाद का हवाला देते हुए एक बात कही गई थी कि किसी भी मंदिर या मठ मे विराजमान देवी देवता ही वहाँ के भूमि का वास्तविक स्वामी होता हैं ।
सर्वोच्च न्यायालय के फैसला अनुसार बिहार राज्य मे विधि विभाग और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अलावा बिहार के धार्मिक न्यास परिषद के प्रतिनिधियो की संयुक्त बैठक मे यह फैसला लिया गया कि अब मठ या मंदिर का जमीन देवी देवता के नाम से हीं कर दिया जाएगा ।
इस बैठक मे यह भी फैसला लिया गया कि बिहार में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के आदेश का हर हाल में पालन किया जाएगा। बिहार के विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि इस बैठक के बाद विधि विभाग इस बात का आंकड़ा जुटाने में लगा हुआ हैं कि सरकारी रिकॉर्ड में मठों और मंदिरों के नाम वास्तव मे जमीन कितनी हैं । इसके साथ हीं इस बात का भी पता लगाया जा रहा कि मंदिर मठ का मालिकाना हक किसके पास हैं । विधि मंत्री ने यह भी कहा कि बिहार सरकार यह भी देख रही हैं कि किसी भी मंदिर मठ के पास रिकॉर्ड से अधिक जमीन तो नहीं हैं ।
विधि मंत्री प्रमोद कुमार की माने तो इस नई तरह की जो व्यवस्था होगी उसमे मंदिरों मठो की जमीन और दूसरी संपत्तियों की अवैध ढंग से खरीद बिक्री पर रोक लग जाएगी। विधि मंत्री ने बताया कि सरकार को इस तरह की हमेशा शिकायतें मिलती रहती हैं जिसमें यह बताया जाता हैं की पुजारी और महंत, मंदिर मठ की संपत्ति को अवैध तरीको से बेच रहे हैं। विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि इस नई व्यवस्था लागू करने के लिए विधि विशेषज्ञों से भी सलाह किया जा रहा है और जल्द ही बिहार सरकार इस पर अपना आदेश जारी कर देगी।