बिहार के दक्षिण-पश्चिम मानसून आजकल प्रदेश पर मेहरबान है. गुरुवार की सुबह से ही प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश हो रही है. इस वजह से किसानों के चेहरे पर ख़ुशी की झलक दिख रही है. दरअसल, वे इस घड़ी का इंतज़ार एक लंबे अरसे से कर रहे थे. वहीं मौसम विभाग ने कहा है अगले चार दिनों तक झमामम बारिश होगी. साथ ही, धान की फसल के लिए यह वर्षा वरदान मानी जा रही है. पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार का कहना है कि वर्तमान में मध्य प्रदेश में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. शुक्रवार तक उसे बिहार की ओर बढ़ने की उम्मीद है. उसके बाद प्रदेश में वर्षा और तेज हो जाएगी.
राजधानी में गुरुवार को छह मिलीमीटर वर्षा हुई. जबकि सबसे ज्यादा पूर्णिया में वर्षा रिकार्ड की गई, वहां पर पिछले चौबीस घंटे में 96 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई. गया में दो एवं भागलपुर में पांच मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई. प्रदेश के तराई वाले इलाके में भारी वर्षा होने की उम्मीद है. कुछ इलाके में बिजली गिरने की उम्मीद की जा रही है.
पंचांग भी बता रहा भारी वर्षा के आसार
आचार्य पंडित विनोद झा वैदिक कहना है कि वर्तमान में उत्तरा नक्षत्र चल रहा है. इस नक्षत्र में भारी वर्षा के आसार हैं. काशी सहित सभी पंचांगों में उतरते उत्तरा में वर्षा होने की उम्मीद है. पंचांग के अनुकूल मौसम भी बता रहा है.
वर्षा की बूंदे, धान के लिए मोती के दाने
वर्तमान में हो रही वर्षा धान की फसल के लिए मोती के दाने साबित हो रहे है. धान की फसल किसान लगा चुके हैं. इस तरह का मौसम धान की फसल के लिए काफी अनुकूल माना जाता है. आत्मा के उप परियोजना निदेशक वृजेंद्र मणि ने कहा कि वर्तमान में अच्छी वर्षा से धान की फसल को काफी लाभ होगा. इससे धान के पौधे में तेजी से वृद्धि होगी. साथ ही बीमारियों में भी काफी आने की उम्मीद की जा रही है. किसान खेत सूखा होने के कारण खर-पतवार ज्यादा होने की शिकायत कर रहे थे लेकिन खेतों में पानी भर जाने से खर-पतवार में भी कमी आएगी. वैकल्पिक फसलों को भी वर्षा से लाभ कृषि विज्ञानियों का कहना है कि वर्तमान में हो रही वर्षा से वैकल्पि फसलों को भी काफी लाभ होगा. इस वर्षा से खेतों में नमी काफी बढ़ जाएगी. इसी नमी से आलू एवं अन्य सब्जी सहित दूसरी फसलें भी लगाई जा सकती है. जिन खेतों में पानी के अभाव में धान की फसल नहीं लगाई जा सकी है, वहां पर किसान वैकल्पिक फसल आगात लगा सकते हैं.